भोपाल। मप्र की सड़कें अब जानलेवा ही नहीं लुटेरी भी हो गईं हैं। एक्सीडेंट की हजारों घटनाओं के अलावा हाइवे पर लूटपाट और रोडरेज की घटनाओं के मामले में मप्र टॉप 5 में शामिल है। छग, गुजरात समेत 4 राज्यों के कुलयोग से ज्यादा लूट मप्र में हो रहीं हैं। मार्के वाली बात यह है कि मप्र पुलिस इतना सब होने के बावजूद केवल शहरी इलाकों में ही चालान काटती रहती है। हाइवे पर पुलिस की पेट्रोलिंग ना के बराबर है।
देश में सबसे ज्यादा लूट मप्र की सड़कों पर
वर्ष 2012 से 15 के बीच मध्यप्रदेश में हाईवे पर लूटपाट की 1527 घटनाएं हुईं। मप्र की तुलना में छत्तीसगढ़ सुरक्षित है। इसी दौरान छत्तसीगढ़ में 241 घटनाएं हुई। इसी तरह गुजरात भी प्रदेश की तुलना में सुरक्षित माना जाता है। यहां वर्ष 2015 में लूटपाट की 206 घटनाएं ही हुई, जबकि मध्यप्रदेश में घटनाओं की संख्या 694 थी।
रोडरेज के मामले में भी मप्र खतरनाक
मप्र में हाईवे पर लूटपाट के अलावा रोडरेज (सड़क पर लड़ाई) के मामलों में भी शीर्ष राज्यों में है। पिछले दो सालों में मध्यप्रदेश के हाइवे पर विभिन्न् कारणों के चलते 80 हजार 788 मारपीट के प्रकरण दर्ज किए गए है। इसमें वर्ष 2014 में 39 हजार 259 मामले व वर्ष 2015 में 41 हजार 529 प्रकरण सामने आए। इन मामलों में वाहन चलाने में जल्दबाजी के कारण होने वाली बहस जो मारपीट में बदल जाती है के साथ वाहन टकरा जाने के बाद होने वाली मारपीट शामिल है।
इन रास्तों में ज्यादा होती है लूटपाट
उज्जैन से झाबुआ
हरदा इंदौर रोड
एबी रोड
आष्टा से डोंडी
इंदौर महू रोड
मालथौंड नाका
छतरपुर में हीरापुर घाट
औबेदुल्लागंज से गौहरगंज