राजेश शुक्ला/अनूपपुर। यहां आदिवासियों को पता ही नहीं कि 108 एंबुलेंस जैसी कोई सेवा भी मप्र में संचालित है। वो मरीजों को 'मचिया' में लाते ले जाते हैं। यह हालात हैं उस शहडोल लोकसभा क्षेत्र के, जहां उपचुनाव घोषित हो गया और शिवराज सिंह विकास के नाम पर जीतना चाहते हैं।
राजेन्द्रग्राम जिले का सबसे पिछड़ा आदिवासी बाहूल्य क्षेत्र जाना जाता है। यहां उल्टी दस्त पेट दर्द से पीड़ित शुक्ला बैगा 45 वर्ष निवासी भालू खोदरा,(रौसरखार) पो.लमसरई थाना करनपठार तहसील पुष्पराजगढ़ का निवासी है, जो लगभग 25 से 30 किमी पैदल चलकर अपना उपचार कराने आया। मरीज को 'मचिया' में लाया गया है। यह एक प्रकार की देसी एंबुलेंस है जो मप्र के आदिवासी इलाकों में उपयोग की जाती है।
जब शुक्ला बैगा एंव उसके परिजन से पूछा गया कि 108 एंबुलेंस क्यों नहीं बुलाई तो उनका कहना था कि 108 नं को हम लोग जानते ही नही। बता दें कि बैगा आदिवासी, एक विलुप्त होती प्रजाति है। इसके संरक्षण के लिए बैगा विकास के नाम पर एकीकृत आदिवासी परियोजना के तहत अरबो रूपये की राशि रोड, मकान, बिजली, पानी,स्वास्थ सुविधा के नाम पर खर्च करना बताया जा रहा है।