सर्जिकल स्ट्राइक से पहले ही POK में घुस गई थी भारतीय सेना

नई दिल्ली। उरी अटैक के मामले में 28 सितंबर की रात हुए 'सर्जिकल स्ट्राइक' का आधिकारिक ऐलान कर दिया गया लेकिन भारतीय सेना इससे पहले ही पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में घुस गई थी। सेना ने यह कार्रवाई 20 सितंबर को की थी। इस कार्रवाई में सेना ने 3 आतंकी शिविरों को तबाह किया, 20 आतंकी मारे और 200 से ज्यादा घायल किए। यह कार्रवाई लीपावैली में हुई थी। तत्समय आई मीडिया रिपोर्ट्स पर सेना से इंकार कर दिया था परंतु अब इस कार्रवाई की कुछ डीटेल्स लीक हुई हैं। 

द क्विंंट ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सर्जिकल स्ट्राइक दो फेज में हुए। पहली कार्रवाई 20 सितंबर और दूसरी 28 सितंबर की रात की गई। 20 आतंकियों को पकड़कर इसलिए भारत लाया गया ताकि पीओके में आतंकी कैम्प्स के बारे में उनसे खुफिया जानकारी मिल सके।

कुछ विशेष मीडिया संस्थानों ने पहले यह दावा किया था कि उड़ी हमले के दो दिन बाद यानी 20 सितंबर को भारत ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक किया था। तीन आतंकी कैम्प में मौजूद 20 आतंकी मारे गए थे। 200 घायल हुए थे। हालांकि, सेना ने इस रिपोर्ट काे खारिज कर दिया था। इसके बाद 29 सितंबर को डीजीएमओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सर्जिकल स्ट्राइक होने की बात कही थी।

लीपा वैली में क्यों की गई कार्रवाई?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे कमांडोज ने पीओके में कार्रवाई उन जगहों पर की, जहां पाकिस्तानी आर्मी की मौजूदगी ना के बराबर थी। लीपा वैली के कई आतंकी कैम्प्स को इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि वहांं उन्हें पाकिस्तानी आर्मी या बटालियन एक्शन टीम्स की तरफ से सुरक्षा नहीं मिली हुई थी।
द क्विंट के मुताबिक, श्रीनगर और नई दिल्ली में बैठे आर्मी के सूत्रों ने खुलासा किया कि उड़ी हमले के दो दिन बाद ही 9 पैरा यूनिट के कमांडो एलओसी को पार कर गए थे। उन्हें 10th डोगरा और 6th बिहार रेजीमेंट्स के जवानों ने कवर दिया था। पॉलिटिकल क्लीरियेंस के कुछ समय बाद ही आर्मी के टॉप ऑफिसरों ने एक्शन प्लान को अंजाम दिया था।

कैसे हुई कार्रवाई?
रिपोर्ट के मुताबिक, 19 सितंबर से डोगरा और बिहार रेजीमेंट्स एलओसी के लिए निकली। इसके बाद, 9 पैरा और 3 पैरा यूनिट के कमांडो ने एलओसी पार की। जब 9 पैरा यूनिट के जवानों ने आतंकवादियों के कैम्प्स को तबाह किया, तब वहां मौजूद पाकिस्तान आर्मी की पोस्ट भी निशाना बनी। इस दौरान पीओके की नीलम वैली में भी कुछ आतंकवादी ठिकानों को भी निशाना बनाया गया। जैसे-जैसे कमांडो कार्रवाई कर रहे थे, उनके ऊपर ड्रोन्स भी चल रहे थे। उनमें पावरफुल कैमरा लगे थे, जो सर्जिकल स्ट्राइक की ग्राफिक इमेज ले रहे थे।

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