मप्र के राप्रसे अधिकारियों ने गुजरात में हंगामा बरपाया

भोपाल। गुजरात की सफलता का कारण 'गुजरात मॉडल' सीखने गए मप्र के राज्य प्रशासनिक सेवा स्तर के अधिकारियों ने खूब हंगामा बरपाया। हालात यह बने कि गुजरात की डीजी अनिता करवाल को कहना पड़ा कि आप कभी गुजरात मॉडल नहीं समझ पाएंगे। तमाम झमेलों के बाद अब मप्र शासन के अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। 

मिड टर्म कॅरियर कोर्स के लिए गुजरात गए अधिकारी पहले तो चादरों और पानी को लेकर होटल स्टाफ से उलझे। इसके बाद अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी अमूल कंपनी में स्टाफ से उलझ गए। अमूल की कैंटीन में कर्मचारी-अफसर साथ खाना खाते हैं और खुद अपनी थाली धोते हैं लेकिन मप्र के अधिकारी इससे नाराज हो गए। बोले अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी होकर हम अपनी थाली नहीं धाएंगे। उन्होंने यहां तक ​कहा कि मध्यप्रदेश शासन ने इस बात के पैसे नहीं दिए कि हमें सुविधाएं भी ना मिलें। 

होटल में बहस के बाद वापस बुलाया गया था अफसरों को
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि मप्र के अधिकारियों को कुछ दिन पहले सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (सीपा) भेजा गया था। इनमें प्रशासन अकादमी से अजय खोसला और कोर्स समन्वयक विजय कुमार भी साथ थे। सीपा ने उन्हें पहले बड़ौदा भेजा। वहां होटल स्टाफ से बहस हुई तो सीपा ने एक दिन पहले ही उन्हें वापस बुला लिया। फिर उन्हें अमूल कंपनी ले जाया गया। उल्लेखनीय है कि सीपा मप्र की प्रशासन अकादमी की तरह ही गुजरात में काम करती है। 

प्रमाण पत्र में नाम गलत छपने पर भी विवाद. ..
मप्र का दल जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस गया तो वहां ट्रेनिंग के बाद प्रमाण-पत्रों का वितरण किया गया। इस दौरान मप्र की अधिकारी रूही खान के नाम के आगे श्रीमती लिख दिया गया। इस पर उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर की। करीब 10 अफसरों के नाम में त्रुटि थी। मप्र की प्रशासन अकादमी से गए कोर्स समन्वयक प्रमोद चतुर्वेदी को बाद में माफी मांगनी पड़ी। उपरोक्त पूरे मसले पर सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) की सचिव रश्मि अरुण शमी ने कहा कि उनकी जानकारी में अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया। अफसर कोचर ने ‘नो कमेंट’ कहकर टिप्पणी से मना कर दिया। सीपा की डीजी अनिता करवाल ने कहा कि आप न्यूज के लिए पूछ रहे हैं तो अभी कुछ नहीं कह सकती। हॉस्पिटल में हूं।

सीपा की नाराजगी
मप्र के अधिकारी जब सीपा गए तो वहां उन्होंने डीजी अनिता करवाल से पूछा था कि गुजरात मॉडल क्या है और यह सफल कैसे है? उस समय अनिता करवाल ने जवाब नहीं दिया, लेकिन जब गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक्नीकल सिटी (गिफ्ट सिटी), वाइजेग, बड़ौदा और अमूल कंपनी का दौरा करके मप्र के अधिकारी लौटे तो अनिता करवाल ने कहा कि छोटी सी सहुलियत में अच्छा काम करना ही गुजरात मॉडल है। मुझे लगता है कि आप (मप्र के अफसर) गुजरात मॉडल को कभी नहीं समझ पाएंगे। बताया जा रहा है कि सीपा लौटने से पहले ही अनिता करवाल के पास पूरे घटनाक्रम की जानकारी पहुंच गई थी।

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