सागर में रिटायर्ड शिक्षक ने संथारा कर प्राण त्यागे

सागर। राजस्थान हाई कोर्ट के संथारा (सल्लेखना) को गैर कानूनी बताने वाले आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्थगन जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के स्थगनादेश के बाद देश में सल्लेखना का पहला मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना बारहा में सामने आया है।

यहां 19 दिन से सल्लेखनारत रिटायर्ड शिक्षक खुशालचंद जैन मंगलवार की रात समाधिस्थ हो गए। बुधवार को उनका अंतिम संस्कार सुखचैन नदी के किनारे जैन धर्म के अनुयायियों के बीच किया गया। खुशालचंद की बड़ी बेटी मधु ब्रह्मचारिणी हैं और वर्तमान में वे भी बीना बारहा में हैं।

19 दिन से सल्लेखना में थे खुशालचंद
जिले के देवरी तहसील क्षेत्र के बीना गांव में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक खुशालचंद जैन ने सल्लेखना में रहते हुए मंगलवार की रात प्राण त्याग दिए। खुशालचंद के परिजनों के अनुसार वे करीब नौ माह से गंभीर बीमारी से पीडि़त थे। 72 वर्षीय खुशालचंद जैन ने करीब 10 दिन से अन्न और जल का त्याग कर दिया था। बीना के पास बारहा में आचार्य श्री विद्यासागर महाराज चातुर्मास कर रहे हैं। खुशालचंद 13 अगस्त को बारहा पहुंचे। उन्होंने आचार्य श्री विद्यासागर से आशीर्वाद लिया। इसके बाद सल्लेखना शुरू कर दी।

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