भोपाल। भाजपाई अक्सर यह दोहराते रहते हैं कि काले कारनामों से घिरी कांग्रेस को भाजपा के मंत्रियों से इस्तीफा मांगने का अधिकार नहीं है परंतु इंडिया टुडे और सिसेरो के सर्वे आम जनता ने सुषमा, शिवराज और सिंधिया से इस्तीफा मांग लिया है। इस सर्वे के नतीजों ने सुषमा, शिवराज और सिंधिया को नए संकट में डाल दिया है। अब देखना यह है कि जनता की आवाज पर व्यापमं की सीबीआई जांच कराने वाले शिवराज सिंह जनता की आवाज पर इस्तीफा देते की हिम्मत जुटा पाते हैं या नहीं।
भाजपा के तीनों बड़े नेताओं पर पूछे गए सवाल में ज्यादातर लोगों ने माना कि अब उन्हें अपने पदों पर नहीं रहना चाहिए। सर्वे में पूछा गया था कि क्या व्यापमं विवाद के बाद शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इस पर 42 फीसदी ने हां और 32 ने ना में जवाब दिया।
वहीं, सर्वे में 35 फीसदी ने कहा कि ललितगेट मामले में सुषमा को इस्तीफा देना चाहिए। 44 फीसदी ने माना कि सुषमा ने ललित मोदी की मदद कर गलत किया है, जबकि 30 फीसदी ने इस बात पर सुषमा का साथ दिया। ललितगेट में फंसीं राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे पर भी वोटरों ने कमोबेश यही राय दी। 42 फीसदी ने कहा कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए, जबकि 35 फीसदी इस पक्ष में नहीं थे।
चैनल की ओर से 24 जुलाई से 5 अगस्त के बीच कराए गए इस सर्वे में 240 संसदीय क्षेत्रों में 11,520 लोगों की राय ली गई। सर्वे में वोटरों से मोदी सरकार के कामकाज से लेकर ताजा राजनीतिक हालात पर कई सवाल पूछे गए। भाजपा की लोकप्रियता घटी सर्वे के मुताबिक भाजपा की लोकप्रियता कम हुई है।
आज की तारीख में चुनाव होने पर एनडीए फिर बहुमत पाने में सफल रहेगा, लेकिन भाजपा अपने दम पर बहुमत के आंकड़े से दूर रह जाएगी। लोकसभा चुनाव में अपने दम पर 282 सीटें हासिल करने वाली भाजपा 233 से 253 सीटों पर सिमट सकती है।
मोदी मेहनती पीएम
सर्वे में मोदी के काम करने के तरीके पर सवाल पूछा गया तो 39 फीसदी ने उन्हें मेहनती, 25 फीसदी ने तानाशाह और 23 फीसदी ने लोकतांत्रिक बताया।