अतिथि शिक्षकों का नंदूभैया के नाम खुलाखत

रतीराम श्रीवास/टीकमगढ। अतिथि शिक्षकों ने अपने भविष्य को लेकर नियमित करने के संबंध मे प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान के माध्यम से पाती लिखी जिसमे अतिथि शिक्षकों ने नियमित करने की माॅग की। 

अतिथि शिक्षकों ने सीएम के नाम पाती मे लिखा है कि शिक्षक विहीन शासकीय शालाओं मे अतिथि शिक्षक शिक्षण कार्य संपन्न करा रहे हैं। 15 0रूपया एवं 100 रूपया कार्य दिवस के मान से जिससे एक दंपत्ति का ठीक तरह से भरण पोषण नही हो सकता है। इसके बाबजूद आपकी लोकप्रियता कम न हो इसी उदेश्य से कम मानदेय पर अतिथि शिक्षक शिक्षण कार्य संपन्न कराते आ रहे हे कि आपकी लोकप्रियता पर आॅच न आये। डिग्री डीएड बीएड अतिथि शिक्षक हैं जो सालो से शिक्षण कार्य संपन करा रहे हैं और प्रत्येक वर्ष परीक्षा परिणाम अच्छा आ रहा है। 

अतिथि शिक्षकों ने अन्य विभाग मे नौकरी के लिये आवेदन नही किया क्योंकि आलरेडी उनके पास मास्टर डिग्री है इसीलिये अतिथि शिक्षकों के पास कोई बिकल्प नही है सिवाय टीचर के क्योकि कुछ अतिथि शिक्षक ओवेरेज होने की स्थिति मे हैं। ऐसी स्थिति मे श्रीमान जी से आग्रह हे की अतिथि शिक्षकों के बीबी बच्चो के भविष्य को ध्यान मे रखते हुये डिग्री धारी डीएड बीएड अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाये एवं अप्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों को बिभागीय परीक्षा डीएड बीएड कराकर नियमित किया जाये व जो अतिथि षिक्षक जिस षाला मे पदस्थ हे उसे उसी षाला मे नियुक्त किया जाये षाला प्रबंधन समिति का प्रस्ताव पुनः आवेदन न लिया जाये ऐसा न करने पर हर साल अतिथि षिक्षको की संख्या बढ रही हे और कोई नियमित नही हो पा रहा हे जो जिस षाला मे पदस्थ हे उसे उसी षाला मे नियुक्त किया जाये हमारी मागे जायज हे उन्हे पूरा करना आपका काम हे अगर आपकी नजर और सोच मे हमारी मागे अनुचित हे तो आप बताये की उचित क्या हे  हम अपनी मागे आपसे न करे तो किससे करे अपने परिवार का भरण पोशण कैसे करे अपनी डिग्री का मूल्य क्या हे किससे पूछे अपना मुखिया किसे माने उत्तर प्रदेष के मुख्मंत्री अखलेष सिंह यादव को या पूर्व मुख्यमंत्री को या बिहार के मुख्यमंत्री को ये सभी जबाब आप ही बताये तो ज्यादा अच्छा रहेगा क्योकि आप ही हमारे मुखिया हे और प्रदेष के भावी मुख्यमंत्री हैं। 

अतिथि षिक्षक लखन लाल राजपाली मुकेष कुमार राजपाली रामकुमार साहू गुलाब सिंह अजय सिंह सुरेन्द्र सिंह श्रीमती पुश्पा साहू अनिल सहारिया आदि 

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