राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ संस्कारों की पाठशाला है: नंदकुमारसिंह चौहान

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ राष्ट्र और समाज की शक्ति है जो पीढी को राष्ट्रीयता के संस्कार देता है। उन्होंने जीमयत उलेमा ए हिन्द के आरोपों को बेतुका बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयं संघ ने अपनी आस्था, मतमतांतर पर कायम रहने पर हमेशा सहमति व्यक्त की है। किसी के धार्मिक मामलों पर हस्तक्षेप नहीं किया और न इरादा रहा है। 

अलबत्ता उसने भारतीय संस्कृति, हिन्दु संस्कारों की रक्षा, संरक्षण, प्रोत्साहन की चिंता की जो किसी राष्ट्र भक्त संगठन से अपेक्षित है। हिन्दुस्थान में रहने वाला किसी भी धर्म का पालन करे इस पर कभी गुरेज संघ को नहीं रहा है, लेकिन धर्म का लबादा ओढकर बाहरी, राष्ट्र विरोधी शक्तियों के इशारे पर राष्ट्र के हितों के विरोध में काम करने वालों से संरक्षण पाते है इसको लेकर हमेशा विरोध किया है।

श्री नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं संघ ने हमेशा राष्ट्र की हिफाजत के लिए समर्पण किया है। सही बात की पुष्टि की है। संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन पर बेतुकी बात करना बेमानी है। प्रतिबंध लगाने की मांग तो उन संगठनों के बावत होना चाहिए और अपेक्षित है जो मुल्क की सुरक्षा में हमेशा सेंध लगाकर विदेशी शक्तियों के इशारों पर नाच रहे है।

उन्होंने कहा कि संघ पर आक्षेप लगाने से पहले उन्हें राष्ट्रपिता गांधी, पं. मालवीय, जयप्रकाश नारायण, सरदान पटेल की टिप्पणियों का स्मरण करना चाहिए जिन्होंने संघ की मुक्त कंठ से सराहना की और कहा कि संघ संस्कारों की पाठशाला है। चीन के आक्रमण के दौर में संघ के स्वयं सेवकों की निष्ठा पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने गर्व किया और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए संघ के कार्यकर्ताओं को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। यह आपत्तिकर्ताओं की सामाजिक, ऐतिहासिक, निरक्षरता ही व्यक्त करती है।

पढ़िए वो जमीयत उलेमा-ए-हिंद बयान जिसके जवाब में श्री चौहान ने यह बयान दिया। 

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