इंदौर। मप्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2015-16 के लिए पेश बजट प्रस्तावों को एक अप्रैल से लागू होना है, लेकिन राज्यपाल के प्रदेश में नहीं होने से बजट प्रस्ताव अध्यादेश अटकने की संभावना है। हालांकि अफसर रवाना हो गए हैं एवं माना जा रहा है कि 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने अपने बजट में मध्यप्रदेश वैट अधिनियम-2002 की अनुसूची-2 में कर योग्य मालों पर वैट की दर 13 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है। इस सूची में लगभग 300 वस्तुएं शामिल हैं। जिन वस्तुओं पर वैट बढ़ाया गया है, उनमें से अधिकांश वस्तुएं आम आदमी की रोजमर्रा जिंदगी से जुड़ी हुई हैं।
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि जिन वस्तुओं पर वैट बढ़ाया गया है उसका असर जल्द सामने आएगा, जिससे महंगाई को बल मिलेगा। वैट बढ़ने के कारण महंगी होने वाली वस्तुओं में गोली, बिस्कुट, चाकलेट, मक्खन, पनीर, क्रीम, खाने के रंग, मिल्क पावडर, कॉफी, कॉफी मेकर, बूस्ट (हॉरलिक आदि) प्लास्टिक के सामान, कॉस्मेटिक सामग्री, पावडर, क्रीम, हेयर जेल, परफ्यूम, डियोड्रेंट, श्रृंगार बॉक्स, लिपिस्टिक, शेविंग क्रीम, ऑफ्टर शेविंग लोशन, रेजर ब्लेड, हेयर ड्रायर, रबर से बने आइटम, कोल्ड ड्रिक्स, मच्छर मारने वाली अगरबत्ती (कछुआ, जेट आदि), सेल, सीडी प्लेयर, सीडी, ऑडियो कैसेट्स, सीएलएफ, मोबाइल, मोबाइल ऐसेसरीज, फेविकोल, पेंसिल बॉक्स, स्कूल में विज्ञान प्रेक्टिकल में उपयोग होने वाले उपकरण, पुरस्कार में दिए जाने वाले कप, ट्रॉफी, पंखे, डिस्टेंबर, वाहन के कलपुर्जे, नट-बोल्ट, फोटोकॉपी मशीन आदि शामिल हैं।
मध्यप्रदेश वैट अधिनियम-2002 की अनुसूची-2 में शामिल वस्तुओं पर वैट 13 से बढ़ाकर 14 फीसदी करने का प्रस्ताव है। यह एक अप्रैल से लागू होना है लेकिन अध्यादेश पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने से मामला अटकने की संभावना है।
आरएस गोयल, कर सलाहकार