भोपाल। व्यापमं घोटाले में घिरे राज्यपाल रामनरेश यादव अब एसटीएफ की एफआईआर के खिलाफ कानूनी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। कानूनी जानकारों ने उन्हें सलाह दी है कि अगर वो सुप्रीम कोर्ट जाते हैं तो उन पर तत्काल इस्तीफा देने का दबाव नहीं होगा। माना जा रहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं और केंद्र सरकार भी राज्यपाल को बर्खास्त करने जैसा कदम नहीं उठाएगी।
राज्यपाल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का समय मांगा था। उन्हें उम्मीद थी कि शुक्रवार दोपहर तक राष्ट्रपति से समय मिल जाएगा, लेकिन राष्ट्रपति कार्यालय ने उन्हें समय नहीं दिया।
इस्तीफे के दबाव के बीच दिल्ली में डेरा डाल चुके राज्यपाल रामनरेश यादव शुक्रवार को दिनभर मध्यप्रदेश भवन के गवर्नर सुईट में ही रहे। उनसे कोई विशेष व्यक्ति भी मिलने नहीं आया। हालांकि, उनके कुछ पारिवारिक शुभचिंतकों ने जरूर भेंट की।
बताया गया था कि वो शनिवार को भोपाल वापस लौट आएंगे परंतु ऐसा भी नहीं हुआ। वो हर हाल में राष्ट्रपति महोदय से मिलना चाहते हैं। सूत्रों की मानें तो राजनाथ सिंह के मिलने से इंकार करने के बाद राज्यपाल अभी दिल्ली में ही रहकर कुर्सी बचाने की कोशिश करेंगे। ये भी संभावना है कि राष्ट्रपति से नहीं मिलने और केंद्र से राहत न मिलने की स्थिति में राज्यपाल दिल्ली में ही इस्तीफा दे देंगे।