जबलपुर। राज्य शिक्षा सेवा गठन की प्रकिया के तहत एरिया एजुकेशन ऑफिसर (एईओ) की नियुक्ति के लिए दस्तावेजों के वेरीफिकेशन में 'जाति' उलझन पैदा कर रही है। दरअसल, एमपी ऑनलाइन में अपलोड पात्र अध्यापक, शिक्षकों के मूल दस्तावेजों का वेरीफिकेशन कर रही छान-बीन टीम को जाति प्रमाण पत्र की सत्यता परखने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। वजह अधिकांश के जाति प्रमाण पत्र कई साल पहले जारी हुए हैं।
मॉडल स्कूल में दस्तावेजों का सत्यापन कराने बड़ी संख्या में पात्र अध्यापक, प्रधानअध्यापक व शिक्षक पहुंच रहे हैं। वेरीफिकेशन कर रही जांच टीम ने बताया कि पात्र लोगों की सूची पोर्टल में दर्ज है। सूची के आधार पर संबंधितों के नाम,उम्र,योग्यता सहित अन्य जरूरी दस्तावेज का मिलान किया जा रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत जाति प्रमाण पत्र चेक करने में हो रही है। क्योंकि अधिकांश के जाति प्रमाण पत्र काफी वर्ष पूर्व जारी किए गए हैं।
करा रहे हस्ताक्षर
जाति प्रमाण पत्र को लेकर जांच टीम कोई रिस्क नहीं लेना चाह रही। जांच टीम दस्तावेजों में खास तौर से जाति प्रमाण पत्र के संबंध में आवेदकों के हस्ताक्षर करा रही है। ताकि यदि भविष्य में जाति को लेकर कोई अड़चन आए तो उनकी नौकरी पर आंच न आए।
200 का हुआ वेरीफिकेशन, बढ़ी तारीख
एईओ पदों की नियुक्ति के लिए प्रदेश स्तर पर 19हजार 860 अध्यापक,हेडमास्टर,उच्च श्रेणी शिक्षक की सूची जारी की गई है। जिले में करीब 600 ही नियुक्ति के मापदंड में खरे उतरे हैं। 17 जनवरी से शुरू वेरीफिकेशन कार्य में अब तक मात्र 200 के दस्तावेज जांचे जा सके हैं। लिहाजा बढ़ी संख्या को देखते हुए शासन स्तर पर वेरीफिकेशन की तारीख 23 जनवरी से बढ़ाकर 1 फरवरी कर दी गई है।