उपदेश अवस्थी/भोपाल। सत्ता के 9 साल पूरे होने के अवसर पर एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न मीडिया संस्थानों को दिए अपने इंटरव्यू में स्पष्ट कर दिया है कि वो मप्र में ही बने रहना चाहते हैं, मोदी की टीम में जाना नहीं चाहते।
सनद रहे कि पिछले दिनों दिल्ली से खबरें आईं थीं कि गोवा के सीएम मनोहर पार्रिकर के प्रमोशन के बाद अब मप्र और छग के सीएम को प्रमोट करने की तैयारी चल रही है। कशमकश केवल इतनी है कि इनका उपयोग सत्ता में किया जाए या संगठन में।
संघ जानता है कि शिवराज सिंह चौहान एवं रमन सिंह में सत्ता व संगठन दोनों को लोकप्रिय बना देने की अद्भुत क्षमताएं हैं। शिवराज सिंह चौहान तो मंत्रमुग्ध कर देने वाली भाषण कला के स्वामी हैं। संघ चाहता है कि आगामी लोकसभा की तैयारियां अभी से शुरू कर दी जाएं। देश के हर कौने तक भाजपा का विस्तार हो जाए और ऐसी कोई भी कमी शेष ना रह जाए जिसके चलते अंशमात्र भी नुक्सान हो।
संघ का लक्ष्य आगामी लोकसभा चुनाव है। मोदी अब भारत के प्रधानमंत्री हैं अत: उनके दायरे भी निर्धारित हो गए हैं अत: संघ को ऐसे नेताओं की सख्त जरूरत है जो आम नागरिकों से उन्हीं की भावनाओं के अनुरूप संवाद स्थापित कर सकें और इसके लिए शिवराज सिंह चौहान से बेहतर कोई विकल्प संघ के पास फिलहाल नहीं है।
संघ चाहता है कि शिवराज सिंह चौहान के आकर्षक व्यक्तित्व का उपयोग राष्ट्रीय स्तर पर किया जाए और उन्हें सत्ता के झंझटों से मुक्त कर दिया जाए, जबकि शिवराज कतई नहीं चाहते कि उन्हें टीम मोदी में शामिल किया जाए या फिर संगठन में एक बार फिर पूर्णकालिक की तरह झोंक दिया जाए।
शिवराज ने अपनी यह मंशा एक बार फिर मीडिया के माध्यम से इशारों इशारों में जाहिर कर दी है, लेकिन संघ इसके लिए फिलहाल तैयार नहीं है। अब देखना यह है कि इस पटकथा के अंतिम अध्याय में क्या लिखा जाएगा।