सरकारी उपयोग के लिए सोशल मीडिया और विदेशी ईमेल प्रतिबंधित

भोपाल। दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत में सरकारी उपयोग के लिए फेसबुक एवं विदेशी ईमेल कंपनियां जैसे जीमेल, याहू, रेडिफमेल आदि को प्रतिबंधित कर दिया है। हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार की ओर से पेश की गई ई-मेल पॉलिसी में बताया गया है कि सरकार ने एडवाइजरी जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि जिस भी वेबसाइट का सर्वर देश से बाहर है उस पर सरकारी कामकाज व मंत्रालय का काम प्रतिबंधित रहेगा।

इसके अलावा इस पॉलिसी को कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा व अगले सप्ताह इसे मंजूरी मिल जाएगी। वहीं, अदालत ने फेसबुक-जीमेल व अन्य साइट पर डेटा स्थानांतरित करने के संबंध में सरकार से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ के समक्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने खंडपीठ के समक्ष सीलबंद ई-मेल पॉलिसी पेश की। उन्होंने अदालत को बताया कि इस पॉलिसी को मंत्रियों के समूह, राज्यों से मंजूरी मिल चुकी है।

इसके अलावा हमने सभी मंत्रालयों व विभागों को एडवाइजरी जारी की है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि एनआईसी व सरकारी नेटवर्क उन साइट पर काम नहीं करेगा जिसका सर्वर देश से बाहर है। यदि ऐसा हुआ तो यह पब्लिक रिकॉर्ड एक्ट की धारा 4 का उल्लंघन होगा।

अदालत के पूछने पर उन्होंने कहा कि एडवाइजरी सभी राज्यों को भी भेज दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब इंटरनेट के जरिये विज्ञापन देने पर सर्विस प्रदाता कंपनी सर्विस टैक्स देना होगा व एक अक्तूबर से इसका प्रावधान कर दिया गया है।

मोदी ने किया फेसबुक का प्रयोग
याची गोविंदाचार्य के अधिवक्ता विराग गुप्ता ने खंडपीठ को बताया कि प्रधानमंत्री व 11 मंत्रालय फेसबुक व अन्य साइट का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि ऐसा नहीं है, लेकिन तथ्यों से इस तथ्य की पुष्टि होती है। केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने सोशल मीडिया के सलाहकार की नियुक्ति के लिए जो टेंडर जारी किया था उसे रद्द कर दिया है।

डेटा स्थानांतरण पर जवाब तलब
याची ने अदालत को बताया कि फेसबुक व अन्य साइट पर एकाउंट खोलने वाले हर व्यक्ति का खाता बाहर स्थानांतरित हो रहा है। सरकार ने फेसबुक से जो अनुबंध किया है उसके तहत संबंधित साइट उसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर सकती है। यह सरासर गैरकानूनी है। अत: इस पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया जाए। अदालत ने सरकार को इस मुद्दे पर जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 30 जनवरी तय की है।

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