मप्र में खुलेंगे 42 नए मेडिकल कॉलेज

शशिकांत तिवारी/भोपाल। संचालनालय चिकित्सा शिक्षा को प्रदेश में 42 निजी मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव मिले हैं। यदि इन्हें मंजूरी मिलती है, तो आने वाले वर्षों में प्रदेश में डॉक्टरों की तंगी दूर होने के आसार हैं। इससे मरीजों को आसानी से इलाज तो मिलेगा ही मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी भी दूर होगी।

अभी प्रदेश में सिर्फ सात निजी मेडिकल कॉलेज हैं। ये सभी भोपाल, उज्जैन और इंदौर में हैं। हेल्थ सेक्टर इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2012 के तहत संचालनालय चिकित्सा शिक्षा ने पिछले महीने निजी मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव मांगे थे। बड़ी बात यह है कि एक साथ 42 कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव मिले हैं। अब इनका परीक्षण किया जा रहा है।

संयुक्त संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एनएम श्रीवास्तव ने बताया कि निवेशकों के साथ बैठक कर उनकी दिक्कतें पूछी जाएंगी। पूरी तैयारी होने के बाद राज्य शासन की टीम इन कॉलजों का निरीक्षण करेगी। इसी आधार पर कॉलेज संचालकों को डी एंड एफ (डिजायरबिलिटी एवं फिजिबिलिटी) सर्टीफिकेट जारी किया जाएगा। इसके बाद निरीक्षण के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) को आवेदन किया जाएगा।

खास बात यह है कि इस बार छोटे जिलों में कॉलेज खोलने के लिए भी निवेशकों ने प्रस्ताव दिया है। पिछले साल करीब दो दर्जन निजी कॉलेज खोलने के लिए प्रस्ताव आए थे। इसमें आरकेडीएफ ग्रुप का एक कॉलेज खुल गया है, जबकि पांच अन्य ने आगामी सत्र से कॉलेज शुरू करने के एमसीआई को आवेदन किया है।

इन जिलों में खुलेंगे कॉलेज
खरगोन, होशंगाबाद, उज्जैन, देवास, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सीहोर, मुरैना, सतना, सिवनी, छतरपुर।

2016 से सात नए सरकारी कॉलेज खोलने की तैयारी
उधर, प्रदेश में 2016 से सात नए मेडिकल कॉलेज खुल सकते हैं। शहडोल, विदिशा और रतलाम में कॉलेज निर्माण के लिए भूमिपूजन हो चुका है। जल्द ही तीनों कॉलेजों के लिए राज्य सरकार और केंद्र के बीच एमओयू होगा। छिंदवाड़ा, दतिया, शिवपुरी और बुरहानपुर में कॉलेजों के लिए केंद्र से एमओयू बाद में होगा।

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