भोपाल, 21 नवम्बर 2025: मध्यप्रदेश में केवल व्यापमं घोटाले के दौरान ही नहीं बल्कि इसके पहले भी बडे पैमाने पर फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर शिक्षक पद पर नियुक्तियों के घोटाले हुए हैं। एसटीएफ ने 1998 से 2006 के बीच हुई शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच शुरू कर दी है। पहले राउंड में 34 शिक्षक मिले हैं। इनकी गिरफ्तारी की तैयारी हो गई है।
शिक्षक भर्ती में फर्जी डिग्री का खेल बहुत पुराना है
मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग में डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी कर रहे नकली शिक्षकों के खिलाफ एसटीएफ की पड़ताल लगातार जारी है। अब इस मामले में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है। एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि फर्जी डिग्री लगाकर नकली शिक्षक बनाने का खेल कोई नया नहीं है।
4 बार बड़ी संख्या में नटवरलाल शिक्षकों की भर्ती हुई
जांच टीम का दावा है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा नटवरलाल शिक्षकों की भर्तियां साल 1998, 2001, 2003 और 2006 में की गई हैं। एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक सबसे ज्यादा धांधली इन्हीं चार सालों में हुई हैं।
फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी की तैयारी
एसटीएफ ने 34 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की पुख्ता तैयारी कर ली है। जिला शिक्षा अधिकारियों से उनके दस्तावेजों की एक गोपनीय रिपोर्ट मंगवा ली गई है। उन दस्तावेजों का परीक्षण भी कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक अब जल्द शिक्षकों की गिरफ्तारी की जाएगी। लेकिन उससे पहले एक बार पूछताछ का उन्हें मौका दिया जाएगा।
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