खगोलविदों को पृथ्वी के पड़ोस में एक ऐसा ग्रह मिल गया है जो बिल्कुल पृथ्वी जैसा है। वहां पानी भी है और वायुमंडल होने की संभावना भी है। यह ग्रह केवल 40 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। अर्थात हमारे मिल्की वे में पृथ्वी का सबसे पड़ोसी ग्रह है। इस नई जानकारी के बाद वैज्ञानिकों ने अपना अध्ययन तेज कर दिया है।
इस ग्रह का साइज भी पृथ्वी जैसा है
JWST की नई रोमांचकारी खोज में पता चला है कि इस ग्रह का साइज भी पृथ्वी जैसा है। अंतरिक्ष में दूसरी पृथ्वी की खोज में यह अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। पृथ्वी के वैज्ञानिक कई दशकों से पृथ्वी जैसे किसी दूसरे ग्रह की खोज कर रहे हैं। क्योंकि हमारी प्रकृति में केवल पृथ्वी ऐसा ग्रह है जहां पर जीवन प्रारंभ हुआ और विकसित हुआ। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि किसी भी ग्रह पर पानी तरल अवस्था में होना चाहिए। यदि वहां पर बर्फ की चट्टान है तो वह हमारे किसी काम की नहीं है। क्योंकि तरल पानी ही जैव रासायनिक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा वह ग्रह अपने तारे से पर्याप्त दूरी पर होना चाहिए। जिस प्रकार पृथ्वी सूर्य से पर्याप्त दूरी पर है। इसके कारण पृथ्वी का पानी ना तो बहुत ज्यादा ठंड के कारण जमता है और ना ही बहुत ज्यादा गर्मी के कारण वाष्पित हो जाता है। समुद्र तरल पानी से भरा रहता है। खगोलविदों ने पृथ्वी के सामान दूसरे ग्रह को TRAPPIST-1e नाम दिया है। यह नाम अध्ययन के लिए है।
2016 में खोज के बाद अध्ययन शुरू हुआ था
सन 2016 में सबसे पहली बार TRAPPIST-1 प्रणाली की खोज की गई थी। यहां पर एक लाल बोना तारा है। बिल्कुल वैसे ही जैसे हमारा सूर्य है। उसके आसपास 7 ग्रह हैं। सभी ग्रहों में तरल पानी की संभावना है। इस नई खोज से पहले TRAPPIST-1d का अध्ययन किया जा रहा था। यहां पर भी पर्याप्त मात्रा में तरल पानी है परंतु कई सालों तक अध्ययन करने के बाद भी यहां पर वायुमंडल नहीं मिला। फिर इसी परिवार के दूसरे ग्रह TRAPPIST-1e का अध्ययन शुरू किया गया और सबसे पहले रोमांचकारी परिणाम सामने आया।
अब तक खोजा गया सबसे अधिक पृथ्वी जैसा एक्सोप्लैनेट
TRAPPIST-1e बिल्कुल पृथ्वी जैसा है। यहां पर पानी है और वायुमंडल होने की संभावना भी काफी है। अभी अध्ययन पूरा नहीं हुआ है लेकिन वैज्ञानिकों का उत्साह चरम पर है। इसके वायुमंडल में नाइट्रोजन जैसी गैस की संभावना दिखाई दे रही है। यह काफी आकर्षक है। क्योंकि पृथ्वी का वायुमंडल मोटे तौर पर 78 प्रतिशत आणविक नाइट्रोजन है। यदि रिसर्च के परिणाम बिल्कुल सटीक है तो TRAPPIST-1e अब तक खोजा गया सबसे अधिक पृथ्वी जैसा एक्सोप्लैनेट हो सकता है।
पृथ्वी से TRAPPIST-1e पर शिफ्ट होने में कितना समय लगेगा
- TRAPPIST-1e की पृथ्वी से दूरी 40 प्रकाश वर्ष है।
- प्रकाश की गति लगभग 299,792 किलोमीटर प्रति सेकंड होती है, और एक वर्ष में यह लगभग 9.46 खरब किलोमीटर (9.46 ट्रिलियन किमी) की दूरी तय करता है।
- तो, 40 प्रकाश वर्ष की दूरी होगी: 40 × 9.46 खरब किमी = लगभग 378.4 खरब किलोमीटर।
- आज की तारीख में वॉयेजर-1 सबसे तेज मानव निर्मित अंतरिक्ष यान है।
- वॉयेजर-1 की स्पीड लगभग 61,000 किमी/घंटा (लगभग 17 किमी/सेकंड) है।
- इस हिसाब से प्रकाश की गति की तुलना में अपने अंतरिक्ष यान की स्पीड 0.0056% है।
- यदि हम प्रकाश की गति से चलते तो 40 वर्ष लगते लेकिन हमारे पास प्रकाश की गति से चलने वाला अंतरिक्ष यान नहीं है।
- वॉयेजर-1 अंतरिक्ष यान में बैठकर TRAPPIST-1e जाएंगे तो लगभग 7 लाख साल लगेंगे।
यह खोज निम्नलिखित व्यक्तियों और टीमों द्वारा की गई है:
• नेस्टर एस्पिनोज़ा (Néstor Espinoza) और नैटली एलन (Natalie Allen) के नेतृत्व में एक टीम ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) का उपयोग TRAPPIST-1 तारे से निकलने वाली रोशनी का अध्ययन करने के लिए किया, जब TRAPPIST-1e तारे के सामने से गुजरा। इस टीम ने वायुमंडल की उपस्थिति और उसकी संरचना का संकेत देने वाले परिवर्तनों की तलाश की। नेस्टर एस्पिनोज़ा स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट (STScI) से हैं, और नैटली एलन जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, अमेरिका से हैं।
• एना ग्लिडन (Ana Glidden) के नेतृत्व में एक दूसरी टीम, जो एमआईटी (MIT) से हैं, ने फिर इन परिणामों की व्याख्या की ताकि पता चल सके कि उनका क्या अर्थ हो सकता है।
• एमआईटी (MIT) की खगोलशास्त्री सारा सीगर (Sara Seager) भी इस शोध से संबंधित दो पत्रों में से एक की सह-लेखिका हैं, और उन्होंने इन निष्कर्षों पर टिप्पणी की है।
• सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय, यूके के खगोल भौतिकीविद् रयान मैकडोनाल्ड (Ryan MacDonald) ने भी परिणामों की संभावित व्याख्याओं पर अपनी राय व्यक्त की है।
इस शोध के निष्कर्ष दो भागों में द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स (The Astrophysical Journal Letters) में प्रकाशित हुए हैं।
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