जबलपुर: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की मुख्य पीठ, जबलपुर में ओ.बी.सी. वर्ग (Other Backward Classes) के अभ्यर्थियों द्वारा याचिका दायर कर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बैकलॉग पदों में की जा रही कथित हेराफेरी को चुनौती दी गई। उक्त याचिका सागर निवासी लीलाधर लोधी, दीपक सिंह ठाकुर, इंदौर निवासी शुभम चौधरी, प्रेमलता, बालाघाट निवासी खुशबू चौरसिया, और तोपेंद्र लिल्हारे की ओर से R.P.S. Law Associate के माध्यम से दायर की गई। याचिका में लोक सेवा आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन, दिनांक 30/12/2024, की संवैधानिकता (Constitutionality) को चुनौती दी गई। उक्त विज्ञापन में वर्ष 2019 के पूर्व के अंग्रेजी विषय में ओ.बी.सी. वर्ग के कुल 31 बैकलॉग पदों का उल्लेख किया गया।
याचिकाकर्ताओं के वकील की दलील
लोक सेवा आयोग मध्य प्रदेश ने दिनांक 30/12/2022 को अंग्रेजी विषय में सहायक प्राध्यापक के कुल 200 पद विज्ञापित किए, जिनकी नियुक्ति प्रक्रिया (Recruitment Process) वर्तमान में चल रही है। इस भर्ती विज्ञापन में ओ.बी.सी. वर्ग के बैकलॉग पदों का कोई उल्लेख नहीं है। याचिकाकर्ता उक्त भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन उन्हें साक्षात्कार (Interview) में कम अंक देकर बाहर कर दिया गया और कई ओ.बी.सी. अभ्यर्थियों को 13% में होल्ड (Hold) किया गया।
याचिकाकर्ता के वकील का दावा है कि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसलों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि बैकलॉग के रिक्त पद आगामी भर्ती में केवल उसी वर्ग से भरे जाएंगे, जिस वर्ग के पद रिक्त हैं। लेकिन आयोग ने 2019 के पहले के रिक्त पदों को 2022 की भर्ती में नहीं भरा, बल्कि ओ.बी.सी. वर्ग के पदों में हेराफेरी कर 2024 में असंवैधानिक रूप से विज्ञापित किया।
याचिका क्रमांक WP/25130/2025 की प्रारंभिक सुनवाई दिनांक 29/07/2025 को जस्टिस एम.एस. भट्टी की खंडपीठ (Bench) द्वारा की गई। याचिका में उठाए गए मुद्दों की गंभीरता को देखते हुए, लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह, जो वर्तमान में मध्य प्रदेश शासन के महाधिवक्ता भी हैं, को याचिका की एक प्रति देने का आदेश दिया गया। मामले की अगली सुनवाई 31/07/2025 को निर्धारित की गई। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और हितेंद्र कुमार गोहलानी ने पक्ष रखा।