JITU PATWARI पर गिरफ्तारी की तलवार, चुनाव के अयोग्य का खतरा, सिंधिया के इलाके में पॉलिटिक्स महंगी पड़ गई

जीतू पटवारी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं लेकिन उनके अति उत्साह के कारण उन्हें चुनाव के अयोग्य घोषित कर दिए जाने का मामला तैयार हो गया। कहते हैं कि बड़े नेता को बड़बोला नहीं होना चाहिए और उसके पास क्वांटम विजन होना चाहिए। पटवारी दोनों गलती कर गए। अब परेशान हो रहे हैं। कल तक मूर्ति के लिए प्रदर्शन कर रहे थे आज जीतू पटवारी को गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं। बड़ी समस्या यह भी है कि, पूरी कांग्रेस औपचारिक रूप से भी जीतू पटवारी के साथ नहीं है। 

जीतू पटवारी ने क्या गलतियां की

  • व्यक्तिगत लड़ाई के मुद्दे को जातिवाद और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के फैलियर से जोड़ने की कोशिश की। 
  • एक ऐसी घटना को हाइलाइट किया, जिसका ना तो कोई प्रमाण है और ना ही कोई गवाह। 
  • कलेक्टर से बातचीत में जीतू पटवारी ने 7 दिन का समय दिया था लेकिन 7 घंटे बाद ही हंगामा मचा दिया। 
  • राहुल गांधी के नाम पर कलेक्टर को धमकाया। 
  • एक ऐसे व्यक्ति पर विश्वास किया जो बार-बार अपना बयान बदल रहा है। 
और सबसे बड़ी बात कि, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में बात का बतंगड़ बनाया। 

जीतू पटवारी पर चुनाव के अयोग्य होने का खतरा क्यों है

नेताओं के खिलाफ मामले तो बहुत दर्ज होते हैं परंतु जीतू पटवारी के खिलाफ BNS की इन धाराओं के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है:- 
  • Section 61(2): आपराधिक षड्यंत्र
  • Section 196(1)(A): सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास
  • Section 197(1)(c): विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना
  • Section 229(2): मिथ्या साक्ष्य गढ़ना
  • Section 237: मिथ्या साक्ष्य के आधार पर अपराध
  • Section 353(1)(c): सामाजिक वैमनस्यता फैलाने का कार्य 
इस मामले में जीतू पटवारी को 7 साल जेल की सजा हो सकती है। 2028 में विधानसभा चुनाव है, 2025 में मामला दर्ज हुआ है। अर्थात चुनाव के ठीक पहले इस मामले का डिसीजन होगा। प्रावधान है कि यदि किसी नेता को 2 साल से अधिक की सजा होती है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता। 

निष्कर्ष - सिंधिया से पंगा मत लेना

इस मामले के माध्यम से एक मैसेज बिल्कुल लाउड एंड क्लियर है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कामों की आलोचना कर सकते हैं। इतिहास को लेकर टिप्पणी कर सकते हैं लेकिन उनके इलाके में इस प्रकार के Political Issues बनाकर उन्हें तनाव नहीं दिया जा सकता। कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता श्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की कई बार आलोचना की, अभी भी करते हैं लेकिन कभी भी बिना ठोस आधार के कोई मुद्दा नहीं उठाया। श्री दिग्विजय सिंह ने कई बार ग्रे लाइन पर आकर हमला करने की कोशिश की परंतु सिंधिया ने हर बार उन्हें धकेल कर पीछे कर दिया। आज भी श्री दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया को टंगड़ी अड़ाते  रहते हैं परंतु कभी भी कॉलर नहीं पकड़ते। 

जैसा कि मैंने सबसे पहले कहा था "कि बड़े नेता को बड़बोला नहीं होना चाहिए और उसके पास क्वांटम विजन होना चाहिए।" इसमें क्वांटम का मतलब होता है, जब आप एक क्रिया करते हैं तो उसकी कई प्रतिक्रिया हो सकती है। जीतू पटवारी ने यह दोनों गलती की। ✒ उपदेश अवस्थी। 

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