ATITHI SHIKSHAK - 1 जुलाई आ गई, अब तक आमंत्रण प्रक्रिया घोषित नहीं हुई

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लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल वालों को, कर्मचारियों को तंग करने में बड़ा मजा आता है। लोग जब तक धरना प्रदर्शन शुरू न कर दें, डीपीआई वाले कोई काम नहीं करते। आज 26 जून गुरुवार है और अब तक अतिथि शिक्षकों की आमंत्रण प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है जबकि 90000 पद खाली है और नैतिकता के नियम एवं अध्यापन की आवश्यकता के अनुसार 1 जुलाई से गंभीरता पूर्वक नियमित कक्षा प्रारंभ हो जानी चाहिए। 28-29 वीकेंड है। DPI में छुट्टी के दिन ट्रांसफर पोस्टिंग के अलावा कुछ नहीं होता। अर्थात 1 जुलाई से कक्षाओं में अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति की संभावना 0 हो गई है। 

अतिथि शिक्षक आमंत्रण कार्यक्रम अब तक घोषित क्यों नहीं किया गया

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 90 हजार से ज्यादा अतिथि शिक्षकों की आवश्यकता है। कक्षाओं में 1 जुलाई से पढ़ाई प्रारंभ हो जानी चाहिए। 100% शिक्षक उपस्थिति होना चाहिए लेकिन DPI के सूत्रों का कहना है कि 1 जुलाई से अतिथि शिक्षक आमंत्रण प्रक्रिया शुरू करेंगे। कार्यक्रम तो पहले से तैयार हो चुका है। शायद आयुक्त महोदय या मंत्री महोदय का इंतजार किया जा रहा है। मंत्री महोदय चाहते हैं कि 90000 अतिथि शिक्षक उम्मीदवार भोपाल आकर सम्मेलन आयोजित करें जिसमें वह स्वयं अतिथि शिक्षक आमंत्रण कार्यक्रम की घोषणा करेंगे। डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि यदि ऐसा किया तो बड़ा नेगेटिव मैसेज चला जाएगा। पूर्व अतिथि शिक्षकों को फिर से नौकरी देने का क्रेडिट कैसे लें और ऐसा क्या करें जो 90000 में से कम से कम 15000 नए अतिथि शिक्षकों को सेट किया जा सके। इसी पर विचार विमर्श चल रहा है। इसके कारण यह आमंत्रण कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है। 

अतिशेष और ट्रांसफर टीचर का समायोजन कैसे होगा

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में, स्कूल शिक्षा विभाग के तहत करीब 70 हजार और ट्राइबल विभाग के तहत लगभग 20 हजार पदों पर अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित किया जाएगा। जहां पहले से खाली पद पर कोई नियमित शिक्षक ट्रांसफर, पदोन्नति या अतिशेष के कारण नहीं आया है, वहां पूर्व में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। वहीं यदि किसी स्थान पर इन्हीं प्रक्रिया के कारण कोई नया रिक्त पद बना है, तो वहां बोनस अंकों के आधार पर मेरिट सूची से अतिथि शिक्षक का चयन होगा।

बिना शिक्षक वाले 1000 विद्यालयों में कौन पढ़ रहा है?

मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूल तो 10 दिन पहले खुल चुके हैं। बस पढ़ाई शुरू नहीं हुई है। पिछले साल 30 अप्रैल को सभी अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। स्कूल खुलने से पहले अतिथि शिक्षकों की आमंत्रण प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए थी। स्कूल 16 जून से पुनः शुरू हो चुके हैं, लेकिन कक्षाओं में शिक्षक नहीं है। कक्षाओं में बच्चे और DPI में अधिकारी टाइम पास कर रहे हैं। पिछले शैक्षणिक सत्र में करीब 1,275 स्कूल ऐसे थे, जो पूरी तरह अतिथि शिक्षकों के भरोसे संचालित हुए, यानी वहां एक भी नियमित शिक्षक नहीं था। कल्पना कीजिए यहां पिछले 15 दिन से विद्यार्थी क्या कर रहे होंगे। 

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