जबलपुर: लम्हेटा घाट, गोपालपुर के समीप मौर्य कालीन हजारों वर्ष प्राचीन बौद्ध मठ है, जिसे मुड़िया बौद्ध मठ के नाम से जाना जाता है। इस मठ से लगी 32 एकड़ शासकीय भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा कब्जा कर बौद्ध मठ तक आने-जाने का रास्ता बंद कर दिया गया। जबकि, तत्कालीन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने दिनांक 27/01/2021 को मध्य प्रदेश Tourism Board को पत्र लिखकर 324 लाख रुपये की स्वीकृति मांगी थी।
कलेक्टर की पहल के बाद भी मुड़िया बौद्ध मठ को संरक्षित नहीं किया
साथ ही, मध्य प्रदेश शासन के पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय, भोपाल द्वारा दिनांक 15 जून 2012 को जबलपुर लम्हेटा घाट मुड़िया मठ बौद्ध स्तूप को Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act, 1964 की धारा 3 की उपधारा 1 के तहत प्राचीन स्मारक एवं राज्य संरक्षित स्मारक के रूप में घोषित करने की अधिसूचना जारी की गई। इसके अलावा, दिनांक 01/04/2015 को पुरातत्व विभाग द्वारा मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग को पत्र लिखकर उक्त बौद्ध मठ को प्राचीन स्मारक के रूप में शामिल करने हेतु अंतिम अधिसूचना जारी करने का अनुरोध किया गया। फिर भी, शासन स्तर पर इस प्राचीन बौद्ध मठ को संरक्षित करने हेतु कोई ध्यान नहीं दिया गया।
धरना प्रदर्शन सब कुछ किया लेकिन किसी ने नहीं सुना
भू-माफियाओं द्वारा बौद्ध मठ से संलग्न 32 एकड़ जमीन पर कब्जा कर मठ तक पहुंच मार्ग को भी बंद कर दिया गया। इस संबंध में, अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष बैजनाथ कुशवाहा, बौद्ध महासभा एवं अन्य सामाजिक संगठनों द्वारा शासन-प्रशासन को कई बार पत्र लिखे गए। दिनांक 26 अप्रैल 2025 को सिविक सेंटर में व्यापक पैमाने पर धरना-प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद, Buddhist Society of India के रीजनल हेड सुखलाल वर्मा एवं अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष दादा बैजनाथ कुशवाहा ने संयुक्त रूप से Thakur Law Associates के माध्यम से माननीय High Court, Jabalpur में जनहित याचिका (क्र. 15661/2025) दाखिल की। इसकी प्रारंभिक सुनवाई दिनांक 01 मई 2025 को माननीय मुख्य न्यायमूर्ति श्री सुरेश कुमार कैत एवं माननीय न्यायमूर्ति श्री विवेक जैन की खंडपीठ द्वारा की गई।
उक्त जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दों को माननीय High Court ने गंभीरता से लिया। अनावेदकों -
1. मध्य प्रदेश शासन, प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग, वल्लभ भवन, भोपाल;
2. Principal Secretary, Department of Archaeological, Government of Madhya Pradesh;
3. Principal Secretary, Religious Trust and Endowment Department;
4. Secretary, Tourism and Cultural Department, Government of Madhya Pradesh;
5. कलेक्टर, जबलपुर;
6. SDO, Revenue, Jabalpur;
7. तहसीलदार, जबलपुर;
8. Municipal Officer, Bhedaghat, Jabalpur;
तथा अवैध कब्जाधारक निजी अनावेदक - 9. रीता सेंगर, 10. गुंजन नंदा, 11. सोनिया नारंग, 12. RDM Care India Pvt. Ltd. के मैनेजिंग डायरेक्टर अंगददीप सिंह नारंग, को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया गया।
बौद्ध मठ के पहुंच मार्ग से तत्काल अतिक्रमण हटाया जाए
High Court की डिवीजन बेंच ने अंतरिम आदेश पारित कर कलेक्टर, जबलपुर को निर्देश दिया कि बौद्ध मठ के पहुंच मार्ग से तत्काल अतिक्रमण हटाया जाए। साथ ही, जिला कलेक्टर, जबलपुर को व्यक्तिगत रूप से इस प्राचीन बौद्ध मठ की देखरेख कर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया। प्रकरण की अगली सुनवाई 16/06/2025 को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, शिवांशु कोल, देवयानी चौधरी, और संतोष आनंद ने की।
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