अपनी पॉलिटिक्स चमकाने के लिए कुछ नेता बाबा अंबेडकर की आड़ लेकर अशांति का वातावरण पैदा कर रहे हैं। ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में बाबा अंबेडकर के अनुशासन को तोड़कर बाबा अंबेडकर की मूर्ति लगाने का प्रयास असफल हुआ और भीम आर्मी ने इस मामले से खुद को दूर किया तो भीम सेना आगे आगे। धमकी दी है कि ग्वालियर का बदला जयपुर में लिया जाएगा।
ग्वालियर का बदला जयपुर में लेंगे: भीम सेना
भीम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने चेतावनी दी है कि अगर अंबेडकर प्रतिमा स्थापित नहीं होती है, तो जयपुर (राजस्थान) हाईकोर्ट में लगी मनु ऋषि की मूर्ति हटा दी जाएगी। सतपाल तंवर का कहना है कि भीम सेना के कार्यकर्ता इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन तेज किया जाएगा। भीम सेना की तरफ से सोशल मीडिया पर एक विवादास्पद पोस्टर और वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें सरकारों को खुली चेतावनी दी गई है।
विवाद की जड़ क्या है
19 फरवरी 2025 को एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत ग्वालियर आए थे। यहां एडवोकेट विश्वजीत रतोनिया, धर्मेंद्र कुशवाह और राय सिंह ने एक ज्ञापन सौंपा था। जिसमें ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर की मूर्ति स्थापना की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस ने मौखिक सहमति दी थी। यही से विवाद उपस्थित हो गया। माननीय चीफ जस्टिस महोदय ना तो इस प्रकार की कोई मौखिक सहमति दे सकते हैं और ना ही उनकी मौखिक सहमति के आधार पर किसी भी प्रकार का निर्माण किया जा सकता है। इसके बावजूद हाई कोर्ट पेरिस में प्लेटफॉर्म बनवाया गया और आपस में चंदा करके मूर्ति का आर्डर कर दिया गया। जबकि यदि सरकारी परिसर में कोई निर्माण अथवा स्थापना होनी है तो वह सरकारी बजट से होगी। लोग चंदा करके हाई कोर्ट के अंदर मूर्ति नहीं लगा सकते। इसी बात को लेकर विवाद हो रहा है।
इस पूरे विवाद से भी भीम सेना का क्या लेना देना
शुरुआत में यह लड़ाई भीम आर्मी के नाम से लड़ी जा रही थी लेकिन बाद में भीम आर्मी की तरफ से स्पष्ट किया गया कि उनका इस विवाद से कोई लेना देना नहीं है। जो व्यक्ति प्रदर्शन कर रहा है उसे भीम आर्मी से निष्कासित किया जा चुका है। भीम आर्मी के इस स्पष्टीकरण के बाद, शायद प्रदर्शनकारी लावारिस हो गए और उन्होंने भीम सेना की शरण ली ली है। सवाल यह उठता है कि, क्या इस प्रकार से कोई भी संगठन हाईकोर्ट परिसर में अपनी मर्जी से किसी भी मूर्ति को लगा और हटा सकता है। क्या कोई ऐसा बयान दे सकता है। क्या इस प्रकार की धमकी, भारतीय न्याय संहिता की तहत अपराध नहीं है। यदि है तो अब तक भीम सेना के नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं हुआ है।
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