Amazing technology - 3D प्रिंटर से 100 फीट ऊंची बिल्डिंग बना दी, 5 साल तक खड़ी रहेगी

स्विट्जरलैंड में टेक्नोलॉजी का एक बड़ा कमाल किया गया है। अब तक लोगों ने कंक्रीट के अलावा लकड़ी और दूसरे कई प्रकार के बिल्डिंग मटेरियल से मकान बनाए हैं परंतु स्विट्जरलैंड में 3D प्रिंटर से 100 फीट ऊंची बिल्डिंग बना दी गई है। यह साबित करने के लिए कि 3D प्रिंटर कितना पावरफुल है। सिर्फ प्रोटोटाइप नहीं बल्कि इतनी बड़ी बिल्डिंग भी बन सकता है। 

3D प्रिंटर क्या होता है 

जिन लोगों को नहीं पता उनके लिए शॉर्ट में बता देते हैं कि, 3D प्रिंटर (3D Printer) एक ऐसी मशीन है जो डिजिटल डिज़ाइन (digital design) को थ्री-डायमेंशनल (three-dimensional) ऑब्जेक्ट में बदल देती है। ये एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (additive manufacturing) की तकनीक पर काम करता है, यानी मटेरियल (material) को परत-दर-परत (layer-by-layer) जोड़कर ऑब्जेक्ट बनाता है। इस प्रिंटर से पोस्ट नहीं बल्कि स्टैचू बन जाते हैं। मशीनों के प्रोटोटाइप बन जाते हैं। 

दुनिया का सबसे ऊँचा 3D-प्रिंटेड टावर 

स्विट्जरलैंड के मुलेंग्स (Mulegns) गाँव में, जहाँ सिर्फ 11 लोग रहते हैं, दुनिया का सबसे ऊँचा 3D-प्रिंटेड टावर (3D-printed tower) बनकर तैयार है, जिसे टोर अल्वा (Tor Alva) या व्हाइट टावर (White Tower) कहते हैं। ये 30 मीटर (98.5 फीट) ऊँचा धाँसू स्ट्रक्चर (structure) है, जिसे इसके क्रिएटर्स ने इस बिल्डिंग को ornate layered cake (कई परतों वाला केक) का नाम दिया है। 

Tor Alva White Tower में 32 लोग रह सकते हैं

ये टावर ईटीएच ज्यूरिख (ETH Zurich) के रिसर्चर्स (researchers) और फुंडाज़ियुन ओरिजेन (Fundaziun Origen) ने मिलकर बनाया है, ताकि 3D-प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी (3D-printing technology) की ताकत दिखा सकें। डिज़ाइनर माइकल हंसमेयर (Michael Hansmeyer) और प्रोफेसर बेंजामिन डिलनबर्गर (Benjamin Dillenburger) ने इसे 32 सफेद कंक्रीट कॉलम्स (concrete columns) के साथ चार मंजिलों का बनाया, जो ऊपर जाकर एक शानदार गुंबद (dome) में खत्म होता है। अंदर 32 लोग रह सकते हैं, सीढ़ियाँ (stairs) हैं और सबसे ऊपर एक परफॉर्मेंस स्पेस (performance space) भी है। 

सिर्फ 900 घंटे की प्रिंटिंग में 100 फीट ऊंचा टावर बनकर तैयार हो गया

अब बात करें इसकी मेकिंग की, तो भाईसाहब, इसे बनाने में 5 महीने लगे, यानी 900 घंटे की प्रिंटिंग (printing)! दो कंस्ट्रक्शन रोबोट्स (construction robots) ने कमाल किया - एक ने स्पेशल सीमेंट मिक्सचर (cement-like mixture) को लेयर्स में प्रिंट किया, और दूसरा स्टील रीइन्फोर्समेंट (steel reinforcement) डालता गया। ये कॉलम्स लोड-बेयरिंग (load-bearing) हैं, जो इसे और भी यूनिक बनाता है। ईटीएच ज्यूरिख का कहना है कि ये टेक्नोलॉजी (technology) पुराने कंक्रीट-कास्टिंग (concrete-casting) तरीकों को धूल चटा देती है। 

टॉप फ्लोर पर स्टेज्ड परफॉर्मेंसेस भी होंगे

हर 26 सेंटीमीटर (10 इंच) पर रीबार्स (rebars) डाले गए, जिससे जटिल और ब्रांच्ड कॉलम्स (branched columns) बनाना पॉसिबल हुआ। इसे सेक्शन्स में प्रिंट करके मुलेंग्स में असेंबल (assembled) किया गया, वो भी एक पुरानी बिल्डिंग के ऊपर। अब ये टावर गाइडेड टूर्स (guided tours) के लिए खुल गया है, और जुलाई से इसके टॉप फ्लोर पर स्टेज्ड परफॉर्मेंसेस (staged performances) भी होंगे। प्लान है कि ये 5 साल तक खड़ा रहेगा, और इसे आसानी से डिस्मैंटल (dismantle) करके कहीं और ले जाया जा सकता है। 

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