MADHYA PRADESH में अनाथ बच्चों को रिजर्वेशन के लिए जनहित याचिका, सरकार को नोटिस

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर में दिशा एजुकेशन एंड फाउंडेशन के अध्यक्ष कैलाश कुमार वासनिक द्वारा ‘ठाकुर लॉ एसोसिएट’ के माध्यम से जनहित याचिका क्रमांक WP/11451/2025 दायर की गई। याचिका में मध्य प्रदेश राज्य में अनाथ बच्चों/छात्रों को अलग वर्ग में वर्गीकृत कर, शिक्षा और रोजगार में कम से कम 5% reservation की व्यवस्था करने की मांग की गई है। 

दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में अनाथ बच्चों को रिजर्वेशन मिलता है 

उक्त याचिका की सुनवाई दिनांक 28/4/2025 को माननीय मुख्य न्यायमूर्ति श्री सुरेश कैत और विवेक जैन की खंडपीठ द्वारा की गई। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, अखिलेश प्रजापति और जी.एस. उद्दे ने पक्ष रखते हुए हाईकोर्ट को बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा अनाथ छात्रों को प्रत्येक संकाय में admission के लिए reservation की व्यवस्था की गई है। महाराष्ट्र और उत्तराखंड राज्यों ने अनाथ बच्चों को शिक्षा और रोजगार में 5% reservation का कानून बनाया है। दिनांक 09/07/2024 को बिल क्रमांक 89/2024 संसद में प्रस्तुत किया गया, जिसमें अनाथों को अलग वर्ग घोषित कर reservation देने की मांग की गई है। 

मध्य प्रदेश में अनाथ बच्चों को स्कॉलरशिप का प्रावधान

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिनांक 10/08/2022 को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना शुरू की गई, जिसमें प्रतिमाह 4000 रुपये देने की व्यवस्था है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बाल देखभाल संस्थानों को छोड़ने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों (aftercare) को आर्थिक और शैक्षिक सहयोग देकर समाज में पुनर्स्थापित करना, साथ ही 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों, जो अपने संबंधियों या संरक्षकों के साथ रह रहे हैं, को आर्थिक सहायता (sponsorship) प्रदान करना है। 

सरकार के पास मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना का डाटा ही नहीं है

याचिकाकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत मध्य प्रदेश सरकार से अनाथ बच्चों की संख्या और उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी मांगी, लेकिन सरकार ने जवाब दिया कि उनके पास अनाथ बच्चों का कोई authentic data उपलब्ध नहीं है, न ही शिक्षा और रोजगार में दिए गए अवसरों का कोई आंकड़ा मौजूद है। 

मध्य प्रदेश में अनाथ बच्चों को 5% रिजर्वेशन की मांग

याचिकाकर्ता, जो लंबे समय से अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य कर रहा है, ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संवैधानिक पीठ द्वारा दिनांक 01/08/2024 को State of Punjab v. Davinder Singh में पारित आदेश के आधार पर अनाथों को अलग वर्ग में वर्गीकृत कर शिक्षा और रोजगार में कम से कम 5% reservation की व्यवस्था करने हेतु मध्य प्रदेश सरकार को निर्देशित किया जाए। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता श्रीमती जामदार ने कोर्ट को बताया कि इस याचिका में उठाए गए मुद्दों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में WP(C) 503/2018 लंबित है। 

अनाथ बच्चों के लिए मध्य प्रदेश सरकार को हाई कोर्ट का नोटिस

हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित उक्त याचिका की स्थिति की जांच कर अगली सुनवाई, दिनांक 05/05/2025 को कोर्ट को अवगत कराया जाए कि क्या मध्य प्रदेश सरकार उस याचिका में पक्षकार है और क्या इस याचिका के मुद्दे उससे समान हैं। प्रकरण की अगली सुनवाई दिनांक 05/05/2025 को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, अखिलेश प्रजापति और जी.एस. उद्दे ने की। 

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