Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता), 2023 की धारा 198 यह स्पष्ट करती है कि सामान्य तौर पर किसी अपराध की सुनवाई उसी कोर्ट में होती है, जिसके Jurisdiction Area (न्याय क्षेत्र) में अपराध हुआ हो। लेकिन यदि कोई ट्रेन भोपाल से दिल्ली जा रही हो और चलती ट्रेन में कोई चोर चोरी कर ले, और पीड़ित व्यक्ति को यह पता ही न हो कि अपराध कब और किस न्याय क्षेत्र में हुआ, तो ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति कहां Complaint (शिकायत) दर्ज करवाएगा, जानिए।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 198 की व्याख्या
जांच या विचारण का स्थान (Place of Inquiry or Trial)
जब कोई अपराध निम्नलिखित परिस्थितियों में हुआ हो:
- यह पता लगाना कठिन हो कि अपराध किस स्थान पर हुआ।
- अपराध के दौरान न्याय क्षेत्र बदल गया हो, जैसे चलती ट्रेन में चोरी।
- चलती ट्रेन, बस आदि Transportation (परिवहन) में निरंतर होने वाला अपराध।
- एक अपराध जो विभिन्न स्थानों पर एक Victim (पीड़ित) के साथ किया गया हो।
ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति उस कोर्ट में शिकायत दर्ज कर सकता है, जहां वह अपराध होने के बाद मौजूद हो। अर्थात, ट्रेन में चोरी की शिकायत पीड़ित उस कोर्ट में कर सकता है, जहां ट्रेन रुकी हो।
Cheque Bounce का मामला किस न्यायालय में सुना जाएगा, जानिए:
निशांत अग्रवाल बनाम कैलाश कुमार शर्मा - इस मामले में Supreme Court (सर्वोच्च न्यायालय) ने निर्णय दिया कि Cheque Dishonour (चेक अनादरण) के मामलों की सुनवाई निम्नलिखित कोर्ट में होगी:
जहां Complainant (परिवादी) निवास करता है।
जहां उसे चेक प्राप्त हुआ है।
लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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