शिवराज सिंह चौहान लोकसभा में भड़के, कांग्रेस का वॉक आउट - MP NEWS

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज लोकसभा में कांग्रेस पार्टी पर भड़क उठे। उन्होंने कहा- मुझे छे़ड़ो मत, मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं। इसके बाद लोकसभा में हंगामा हो गया और कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने वॉक आउट कर दिया। लोकसभा में किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सदन एकत्रित हुआ था। 

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस पार्टी की घेराबंदी करने के लिए पहले से तैयारी करके आए थे। उन्होंने अपना वक्तव्य देना शुरू किया तो विपक्ष ने हंगामा कर दिया। इस पर उन्होंने कहा- मुझे छे़ड़ो मत, मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं। शिवराज के वक्तव्य के दौरान कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। 

शिवराज ने गिनाई किसानों पर हुई गोलीबारी की घटनाएं

शिवराज ने कहा- अब इन्होंने छेड़ा है तो ये सुन लें, 1986 में जब बिहार में कांग्रेस की सरकार थी तब 23 किसानों की मौत गोलीबारी से हुई थी। 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर किसानों पर गोली चलाई गई, दो किसान मारे गए। 1988 में मेरठ में इन्होंने किसानों पर फायरिंग की, 5 किसान मारे गए। 23 अगस्त 1995 को हरियाणा में गोली चलाई गई और 6 किसान मारे गए। 12 जनवरी 1998 को मुलताई में किसानों पर गोली चली, कांग्रेस की सरकार थी, 24 किसान मारे गए।

विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट पर सभापति ने की टिप्पणी

विपक्ष के वॉकआउट पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ये दुर्भाग्यपूर्ण है, और दर्दनाक भी है। किसान वर्ग सबसे महत्वपूर्ण है। जब उस वर्ग के बारे में चर्चा हो रही है तो हर सदस्य का ये मौलिक कर्तव्य है कि वो चर्चा में गंभीरता से भाग लें। इस विषय पर चर्चा के लिए जिसने जितना समय मांगा उतना समय मैंने दिया।

मुझे उम्मीद थी कि सरकार का पक्ष सुनकर यदि कोई बात निकलेगी तो कानून के तहत मुद्दा उठाया जाएगा। जो व्यवधान पैदा किया है वो नियमों के विपरीत है। मेरे निर्देश के बाद ये शासन की अवहेलना है। ये अत्यंत गंभीर है।

कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के भाषणों में किसानों का जिक्र नहीं, शिवराज सिंह का दावा

सभापति की बात खत्म होने के बाद शिवराज ने फिर कहा- मैं जब कृषि मंत्री बना तो मुझे लगा कि जितने प्रधानमंत्री भारत में आज तक हुए हैं उन सबके भाषणों को पढ़ना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण भाषण 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को लाल किले की प्राचीर से दिए जाने वाला भाषण होता है।

स्वर्गीय पंडित नेहरू के सारे भाषण पढ़े 1947 से लेकर 1961 तक किसान शब्द नहीं आया। ये आपकी प्राथमिकता है। कभी किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाने का मैं आदी नहीं हूं। शिवराज ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के भाषणों का जिक्र करते हुए कहा उनकी प्राथमिकता में कभी किसान नहीं रहा। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भाषणों में किसान का जिक्र हुआ।

मेरे पास उसकी पूरी वीडियोग्राॅफी की पेनड्राइव है

शिवराज ने कहा- नाटक से किसान की जिंदगी नहीं बदलेगी। एक नेता जिन्होंने बड़ी-बड़ी यात्राएं निकालीं, वे यात्रा के दौरान हरियाणा के सोनीपत गए, रियल दिखने के लिए रील बनाई। 2023 का सोनीपत का वीडियो है। वे अचानक खेत में पहुंच गए किसान से ज्यादा कैमरे थे। दो लोग पकड़कर खेत में पहुंच गए। कैमरामैन से पूछ रहे थे क्या करना है। मेरे पास उसकी पूरी वीडियोग्राॅफी की पेनड्राइव है।

एक प्रधानमंत्री को तो हरी मिर्च और लाल मिर्च में फर्क नहीं पता था

शिवराज ने कहा- मैं सदन के पटल पर रखता हूं। ये किसान के नाम पर नाटक करते हैं। जब इनको हल भेंट किया जाता है तो ये पूछते हैं ये है क्या? और एक स्वर्गीय प्रधानमंत्री ऐसे हुए जिन्होंने देखा कि लाल मिर्ची के दाम हरी मिर्ची से ज्यादा हैं तो उन्होंने कहा किसानों लाल मिर्ची ज्यादा क्यों नहीं उगाते। ये किसानी की बात करेंगे। जहां चर्चा करना हों कर लें। मैं किसान का बेटा हूं और खुद भी खेती करता हूं। 

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