MP NEWS - कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह बनाम सीताराम मान सिंह, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन के आदेश दिए

केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे नजदीकी एवं मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत एवं ओबीसी नेता श्री मान सिंह पटेल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन के आदेश दिए हैं। SIT का नेतृत्व आईजी रैंक के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी करेंगे। मामला पिछड़ा वर्ग की नेता श्री मानसिंह पटेल का है। वह लंबे समय से गायब हैं और श्री गोविंद सिंह शक के दायरे में है। 

सागर के ओबीसी नेता मानसिंह पटेल के गायब होने की कहानी

सागर के ओबीसी नेता श्री मान सिंह पटेल लापता है। जमीन विवाद मामले में उनके बेटे सीताराम ने तत्कालीन राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके सहयोगियों पर पिता को गायब कराने का आरोप लगाया था। सीताराम ने पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने मान सिंह की गुमशुदगी दर्ज कर ली। मंत्री के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीताराम सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं। इस मामले में मंत्री का नाम आने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई परंतु सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी जांच रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया और आदेश दिया कि, मध्य प्रदेश के अतिरिक्त दूसरे राज्यों में पदस्थ भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को शामिल करते हुए SIT का गठन करें जिसका नेतृत्व आईजी रैंक के वरिष्ठ आईपीएस ऑफिसर द्वारा किया जाएगा।

पुश्तैनी जमीन पर कब्जे की शिकायत के बाद गायब हैं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मान सिंह के बेटे सीताराम पटेल ने एमपी के तत्कालीन राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर अपने पिता की गुमशुदगी और उनकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। इस मामले में ओबीसी महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सीताराम पटेल ने दावा किया था कि उनके पिता अगस्त 2016 में उस समय लापता हो गए, जब उन्होंने मंत्री राजपूत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। यह शिकायत सागर जिले में उनकी पुश्तैनी जमीन पर मंत्री और उनके साथियों द्वारा अवैध कब्जा और निर्माण से संबंधित थी।

सीताराम ने आगे आरोप लगाया कि उन्हें चुप कराने और संपत्ति पर कब्जा करने के लिए उनके पिता को गायब कराया गया था। स्थानीय प्रशासन और सीएम हेल्पलाइन को कई बार शिकायत करने के बावजूद मान सिंह का पता लगाने के लिए ठोस पुलिस कार्रवाई नहीं की गई। 

कोर्ट ने कहा- संदेह दूर होना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- "इसमें कोई दो राय नहीं है कि लापता व्यक्ति को जानने वाले लोगों के मन में छिपे संदेह को संतोषजनक ढंग से दूर किया जाना चाहिए। यहां तक ​​​​कि उन लोगों के हित में भी जिनके खिलाफ संदेह की सुई उठाई गई है। SIT ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि, ओबीसी नेता मानसिंह पटेल, गायब नहीं हुए हैं। FIR नंबर 23/2023 में दर्ज बयान में उनके बेटे सीताराम ने पुलिस को बताया है कि वह समय-समय पर घर आते रहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, मिसिंग रिपोर्ट नंबर 9/2016 में मानसिंह पटेल लापता हैं। जबकि SIT का कहना है कि वह जीवित है और घर आते-जाते रहते हैं तो फिर पुलिस अब तक उन्हें कोर्ट में प्रस्तुत करने नहीं कर पाई है।

मुझे आज तक जांच के लिए नहीं बुलाया गया, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा

गुना में बतौर प्रभारी मंत्री स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने पहुंचे मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने गुमशुदा व्यक्ति के मामले में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। मैं इसका स्वागत करता हूं, उसके परिवार को न्याय मिलना चाहिए। खासकर कुछ लोगों से मैंने सुना है कि इसमें किसके खिलाफ टिप्पणी की गई है, तो मेरे खिलाफ कोर्ट द्वारा न तो मेरे कोई टिप्पणी की है, न ही मुझे आज तक कोई नोटिस दिया गया है। न ही जांच में बुलाया गया है।

मेरे राजनीतिक विरोधियों द्वारा जो षड्यंत्र रचा गया था, उसमें कोर्ट से पूरा न्याय मिला है। सुप्रीम कोर्ट का बयान पढे़ बगैर जो लोग अनर्गल बयानबाजी और प्रचार करेंगे उनके खिलाफ कोर्ट जाऊंगा। नहीं माने तो मानहानि का केस भी दायर करूंगा। 

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