मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाले में घिरे मंत्री विश्वास सारंग का जवाब पढ़िए - MP NEWS

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश राज्य की विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण के दौरान कांग्रेस पार्टी ने तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताया और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की। विश्वास सारंग ने अपने ऊपर लगे हुए आरोपी का जवाब दिया। आप हम पूर्व में प्रकाशित कर चुके हैं। यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं। अब बढ़िया मंत्री विश्वास सारंग का जवाब:- 

इधर कमलनाथ इस्तीफा दे रहे थे उधर 353 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी जा रही थी

जब कमलनाथ सरकार को बचाने में पूरी कांग्रेस और पूरी सरकार लगी हुई थी तब तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री (डॉ. विजयलक्ष्मी साधो) नर्सिंग कॉलेजों को परमिशन देने में लगी थीं। 20 मार्च को कमलनाथ का इस्तीफा होता है और 20 मार्च को ही 353 नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दे दी जाती है।

आरएलडी नर्सिंग कॉलेज, भिण्ड को 13 मार्च 2020 को परमीशन दी गयी। जब सरकार जा रही थी, तब क्या जरूरत थी परमीशन देने की? डॉ.एन.एम.श्रीवास्तव, सविता कॉलेज ऑफ भोपाल के लिए कांग्रेस की सरकार ने वर्ष 2018 में परमीशन दी, और हम पर आरोप लगाये जा रहे हैं।

जयवर्धन सिंह को मानता और संबद्धता में अंतर नहीं पता

विधायक जयवर्द्धन सिंह के आरोप पर जबाव देते हुए कहा कि वे मान्यता और सम्बद्धता में अंतर ही नहीं समझ पा रहे हैं। इनको यही नहीं मालूम कि सम्बद्धता क्या होती है और मान्यता क्या होती है। काउंसिल मान्यता देती है और जब मान्यता देती है तो कॉलेज में उसके एग्जाम लेने के लिए यूनिवर्सिटी के साथ सम्बद्धता होती है। अब यह समझ ही नहीं रहे हैं। इनको किसी ने पत्र दे दिया, इन्होंने पढ़ दिया।

हमने आदेश नहीं एडवाइस दी थी

नर्सिंग काउंसिल ने कॉलेजों को मान्यता दे दी, मान्यता देने के बाद जब उन कॉलेजेस ने यूनिवर्सिटी में सम्बद्धता के लिए एप्लाई किया, उस समय 3 साल के बहुत सारे कॉलेजेस की सम्बद्धता नहीं हुई और इसको लेकर छात्रों ने मुझे ज्ञापन दिया क्योंकि उनको कॉलेज में तो एडमीशन मिल गया था, लेकिन यूनिवर्सिटी में वे एग्जाम देने के लिए इनटाइटल नहीं हो रहे थे। उन्होंने कहा कि  छात्रों को रोल नंबर नहीं मिल रहा था, तो एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसके मिनिट्स हैं। यह कोई चोरी छुपे नहीं है। इसमें 4 पाइंट हैं। कोरोना काल के प्रभावित परीक्षा कैलेण्डर को समय-सीमा में पूर्ण किया जाए, यह एडवाइस थी। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिये ई-लाइब्रेरी की सुविधा प्रदान की जाए, यह एडवाइजरी थी। हिन्दी में तैयार मेडिकल की पुस्तकों को उपलब्ध कराया जाए, यह एडवाइस थी। विश्वविद्यालय से सम्बद्धता, के प्रकरणों के निराकरण हेतु विद्यार्थियों के हित में पुनर्विचार किया जाए और यह आदेष नहीं थे।

15 महीने कांग्रेस सरकार के दौरान 2-2 बार मान्यताएं दे दीं। कांग्रेस के कार्यकाल में 353 पहले और बाद में 448 कालेज दो महीने में ही बढ़ा दिये थे और जिनका कोई निरीक्षण भी नहीं किया गया था।

कांग्रेस शासन काल में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता प्रदान करने के लिए 2018 में बनाये गए नियमों का पालन नहीं किया गया था। सत्र 2019-20 में मान्यता हेतु प्राप्त 516 आवेदनों में से 453 कॉलेजों को मान्यता प्रदान कर दी गयी थी। साथ ही लगभग 100 से अधिक नवीन कॉलेजों को मान्यता प्रदान कर दी गयी थी।

वर्ष 2018 के नियम स्वयं का अकादमिक भवन होना चाहिए। कांग्रेस सरकार ने नर्सिंग कॉलेज के भवन नियमों में संशोधन किया जिसका प्रकाशन मध्यप्रदेश राजपत्र में 23 सितम्बर 2019 को हुआ है, इस नियम के अनुसार नर्सिंग कॉलेज का स्वयं का अकादमिक भवन न होने पर किराये के भवन में नर्सिंग कॉलेजों को संचालित करने की अनुमति देकर दो-दो कमरों में नर्सिंग कॉलेज खुलवा दिये गये।

कांग्रेस शासनकाल 2019-20 में नर्सिंग कॉलेजों की सम्पूर्ण मान्यता प्रक्रिया ऑफलाइन थी और मान्यता सम्बन्धी आवेदन एवं दस्तावेजों की स्क्रूटनी समिति व निरीक्षण दल में सिर्फ नर्सिंग फैकल्टी होती थी। कांग्रेस शासनकाल में सम्पूर्ण मान्यता प्रक्रिया ऑफलाइन होने के कारण फेकल्टी की डुप्लीकेसी भी नहीं रोकी जा सकती थी।

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही शिकायतें मिलने पर मान्यता सम्बन्धी नियमों में सुधार किया। सम्पूर्ण मान्यता प्रकिया ऑनलाइन की गयी और मान्यता दस्तावेजों की स्क्रुटनी समिति में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर को भी जोड़ा गया। निरीक्षण दल में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर एवं संबंधित जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि को भी जोड़ा गया। आई.जी.आर. प्रक्रिया द्वारा नर्सिंग कॉलेज के अकादमिक भवन की रजिस्ट्री की वास्तविक जानकारी प्राप्त की गई साथ ही जीयो टेगिंग के द्वारा नर्सिंग संस्थान का वास्तविक पता प्राप्त किये जाने का प्रावधान किया गया। फैकल्टी डूप्लीकेसी को ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन, माइग्रेशन नम्बर के द्वारा चैक कर रोकने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि नवीन एवं पूर्व से संचालित सभी नर्सिंग कॉलेजों का भौतिक निरीक्षण कराया गया। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता हेतु भौतिक निरीक्षण को प्रभावी किया गया  और पिछले 2 वर्षों में  634 नर्सिंग कॉलेजों का भौतिक सत्यापन कराया गया। जिसमें वर्ष 2022-23 के सभी 485 नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण किया गया है।

हमने किराये के भवन में संचालित नर्सिंग कॉलेज पर नकेल कसने के लिए बैंक गारंटी की राशि को 10 लाख से बढाकर 25 लाख किया जाकर राजसात करने के प्रावधान को भी जोड़ा गया और फैकल्टी डूप्लीकेसी के प्रकरणों की शिकायतों पर 227 नर्सिंग कॉलेजों की जाँच करायी गयी और 19 नर्सिंग कॉलेजों को फैकल्टी की डूप्लीकेसी का दोषी पाया गया और प्रत्येक नर्सिंग कॉलेजों को रू. 2 लाख का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। फैकल्टी की डुप्लीकेसी के दोषी कॉलेजो द्वारा अर्थदण्ड जमा करने के उपरान्त इन कॉलेजों की मान्यता को भी निरस्त किया गया।   

नर्सिंग कॉलेज की मान्यता की जो अर्हता होती है कि उसको 100 बिस्तर का अस्पताल चाहिए, पहले 100 बिस्तर अस्पताल ऑफलाइन उसका अटैचमेंट होता था और उसमें गड़बड़ियां होती थीं। इस गड़बड़ी को रोकने ऑनलाइन किया और एक भी कॉलेज में गलत अस्पताल का अटैचमेंट नहीं होने दिया।

वर्ष 2020-21 और 2022 में कुल मिलाकर 792 आवेदन हमें मिले, उसकी स्क्रूटनी करके 242 आवेदनों को अमान्य किया, इसी तरह 242 में से 115 जो कॉलेज थे।

वर्ष 2022-23 में 723 आवेदन मिले, जिसमें से 238 आवेदन अमान्य किये हैं और उसमें से भी केवल 45 नये कॉलेज खोले और 193 पुराने कॉलेज बंद किये हैं। कुल मिलाकर तीन वर्षों में 509 कॉलेज बनने से रोके हैं।

सी.बी.आई. जांच कर रही है और हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। सी.बी.आई. ने जिनको अनसुटेबल कहा है, उन 66 कॉलेज में से 39 कॉलेज कांग्रेस की सरकार के समय के हैं। 

विनम्र अनुरोध 🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!