दुनिया के सबसे खतरनाक इंडस्ट्रियल एक्सीडेंट भोपाल गैस कांड वाली यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में आग लग गई है। बहुत गहरा काला धुआं निकल रहा है। नगर निगम की फायर ब्रिगेड टीम सिचुएशन पर कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। उल्लेखनीय है कि भोपाल गैस कांड में 25000 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 6 लाख लोग इस हादसे के कारण शारीरिक रूप से अक्षम हो गए थे।
टैंक से आग की लपटें उठती हुई दिखाई दी
यूनियन कार्बाइड कारखाना परिसर के सामने स्थित जेपी नगर की गली नंबर 10 में रहने वाले देवेंद्र कांसोटे ने बताया कि वह कारखाने के सामने से गुजर रहा था। तभी फैक्ट्री परिसर में धुंआ उठता दिखाई दिया। इस पर यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री की बाउंड्रीवॉल के नजदीक जाकर देखा तो अंदर एक टैंक से आग की लपटें उठती हुई दिखाई दी। उसने तत्काल नगर निगम के फायर कंट्रोल रूम को घटना की जानकारी दी। करीब 10 मिनट बाद पहुंची दमकलों ने कारखाना परिसर में लगी आग को मशक्कत के बाद काबू कर लिया। इसके बाद फायर कंट्रोल करने वाली यूनिट के लीड ऑफिसर ने कहा कि प्लास्टिक की टंकी में आग लगी थी। शायद इस प्रकार का स्टेटमेंट देकर उन्होंने सिचुएशन को भी कंट्रोल करने की कोशिश की है। उल्लेख करना अनिवार्य है कि 39 साल पहले भोपाल गैस कांड वाले दिन भी अधिकारियों ने इसी प्रकार का स्टेटमेंट दिया था।
भोपाल गैस कांड की गलती और सबक
दिनांक 2-3 दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड कारखाने की एक टंकी से गैस का रिसाब शुरू हुआ था। गैस भोपाल शहर में फैलने लगी। जब डॉक्टरों ने इसके बारे में जानकारी मांगी ताकि इलाज किया जा सके तो बताया गया कि सब सामान्य है। आंखों पर गीला कपड़ा रख दीजिए। यदि डॉक्टर को तत्काल बता दिया जाता कि, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से Methyl Isocyanate (MIC) गैस लीक हो गई है। तो शायद इतने सारे लोगों की मौत नहीं होती।
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