कल का मौसम - 7 राज्यों में मौसम की थर्ड डिग्री शुरू होगी, तूफान ने मानसून का रास्ता बदल दिया

India Meteorological Department ने बताया है कि रेमल तूफान के कारण मौसम में कई बड़े परिवर्तन होने वाले हैं। तूफान के कारण मानसून की स्पीड और दिशा दोनों बदल गए हैं और भारत के सात राज्यों में मौसम की थर्ड डिग्री शुरू होने वाली है, यानी फिलहाल जो स्थिति चल रही है उससे ज्यादा खराब होने वाली है। 

भारत के इन राज्यों में मौसम और ज्यादा खराब होगा

IMD - भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि, यह गर्मी के मौसम का दूसरा चरण है, अंतिम चरण नहीं है। जून के महीने में गर्मी के मौसम का अंतिम चरण शुरू होगा, जो वर्तमान से कहीं अधिक गंभीर होगा। जून के महीने में गर्मी के कारण जनजीवन पर ऐतिहासिक प्रभाव दिखाई देगा। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश के नागरिक जून के महीने में मौसम से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। 

जून के महीने में मौसम खराब क्यों हो जाएगा

भारत देश में पछुआ हवाओं के कारण गर्मी का मौसम आता है। यह हवाएं पश्चिम दिशा से पूर्व की ओर चलती है। यह समुद्र की गर्म सतह से पैदा होती हैं और सूखे रेगिस्तान एवं बंजर पहाड़ों से टकराते हुए भारत पहुंचती हैं। इसके कारण काफी गर्म होती है। जून के महीने में पछुआ हवाएं लगातार चलती रहेंगी जबकि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से पैदा होने वाले मानसून के बदले और हवाएं उत्तर की तरफ आगे बढ़ेंगी। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, गुजरात और मध्य प्रदेश में दोनों हवाएं आपस में मिक्स हो जाएंगी। इसके कारण ह्यूमिडिटी यानी उमस बढ़ जाएगी। इसके कारण ऑक्सीजन लेवल कम हो जाएगा। इसे दम घोंटने वाली हवा भी कहते हैं। इसलिए तापमान भले ही काम हो परंतु मौसम बेहद खराब हो जाएगा। 

मई में लगातार बढ़ रहे तापमान से राहत मिलेगी या नहीं

फिलहाल आसमान में कोई वेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं है इसलिए पछुआ पवन पावरफुल है और हाई टेंपरेचर चल रहा है। यह 16 तारीख से प्रारंभ हुआ है और 30 तारीख तक लगातार रहेगा लेकिन इसके बाद एक पश्चिम से बादलों का इज्जत था भारत की सीमा में प्रवेश करेगा और हिमालय एवं आसपास के इलाकों में बारिश होगी। इसके कारण भारत के ज्यादातर इलाकों में लगभग चार डिग्री टेंपरेचर कम हो जाएगा और लोगों को राहत मिलेगी, लेकिन जून के महीने में मौसम खराब हो जाएगा। इसका तापमान के अधिक या कम होने से कोई रिश्ता नहीं है। 

भारत में मानसून कैसा रहेगा, किस राज्य में कैसी बारिश होगी

प्राचीन भारत के विशेषज्ञों (ऋषि मुनि और ज्योतिषी) ने मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए कई सिग्नल्स हाईलाइट किए थे। उनमें से एक यह था कि यदि ग्रीष्म ऋतु में सूर्य की किरणें पृथ्वी के तापमान को उसके अधिकतम से भी अधिक ले जाती हैं तो वर्षा ऋतु में अच्छी बारिश होती है। मानसून स्ट्रांग हो जाता है। भारत के सबसे वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ महापात्रा भी यही कहते हैं। उनका कहना है कि रेमल तूफान से बंगाल की खाड़ी में मानसून और ज्यादा पावरफुल हो गया है। मानसून के बादलों की स्पीड भी तेज हो गई है। 

इस साल मानसून की दुर्लभ घटना होगी

इस बार ऐसा भी हो सकता है कि मानसून केरल राज्य से पहले भारत के उत्तर पूर्व में स्थित किसी दूसरे राज्य में बारिश करेगा। यह एक दुर्लभ घटना होगी। इसके कारण जून से सितंबर तक मानसून के दौरान दीर्ध अवधि में सामान्य से अधिक 106 फीसदी बारिश दर्ज होगी। देश के उत्तर-पूर्व में सामान्य से कम, उत्तर-पश्चिम में सामान्य, मध्य और दक्षिण में सामान्य से ज्यादा वर्षा होगी। मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार एवं उत्तर प्रदेश के वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों में बड़े हिस्से में अच्छी बारिश होगी। 

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