लोक शिक्षण संचालनालय, मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टर्स के नाम जारी एक सर्कुलर में निर्देशित किया गया है कि लोकसभा चुनाव में अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाई जाए। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में अतिथि शिक्षकों को शासकीय कर्मचारी मानते हुए चुनाव कार्य हेतु नियुक्त किया गया था।
4 अप्रैल को बताया कि 30 अप्रैल लास्ट डेट है
श्री डी.एस.कुशवाह, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा दिनांक 4 अप्रैल 2024 को समस्त कलेक्टर के नाम जारी एक पत्र में लिखा है कि, अतिथि शिक्षकों की सेवायें स्कूल शिक्षा विभाग में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 30 अप्रैल तक मान्य की गई हैं। उक्त तिथि के पश्चात अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान करने का प्रावधान नहीं है। अतः निर्वाचन कार्य में अतिथि शिक्षकों को यथासंभव न लगाया जाये तथा यदि अपरिहार्य कारणों से ऐसा किया जाना आवश्यक हो तो कृपया उनकी ड्यूटी 30 अप्रैल 2024 तक ही निर्वाचन कार्य में लगायी जाये।
लोक शिक्षण वाले सर्व शिक्षा की नहीं कलेक्टरों को भी परेशान करते हैं
इस सर्कुलर के साथ स्पष्ट हो गया कि लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के अधिकारी सिर्फ अतिथि शिक्षक और अन्य सभी प्रकार के शिक्षकों को परेशान नहीं करते बल्कि कलेक्टरों को भी समान रूप से तंग करते हैं। विधानसभा चुनाव में अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई। इसके लिए उन्हें चुनाव का प्रशिक्षण दिलवाया गया। अब जबकि सभी जिलों में कलेक्टरों के पास चुनाव के लिए प्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों की एक बड़ी संख्या मौजूद है, और लोकसभा चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है। कई जिलों में कर्मचारियों की ड्यूटी चार्ट फाइनल हो चुके हैं। सब अचानक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा बताया जा रहा है कि, अतिथि शिक्षकों की ड्यूटी मत लगाना क्योंकि 30 अप्रैल 2024 के बाद वह एक आम नागरिक हो जाएंगे। उनका शासकीय कर्मचारी होने का दर्जा एक्सपायर हो जाएगा।
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