BHOPAL NEWS - प्राइवेट स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी का खुला संरक्षण कलेक्टर भी चुप

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्राइवेट स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी का खुला संरक्षण दिखाई दे रहा है। कई मामले सामने आने के बावजूद कलेक्टर चुप हैं। पिछले दिनों आयुर्वेदिक दवाइयां की दुकान पर स्कूल की स्टेशनरी बिक रही थी। वीडियो सामने आने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई नहीं की। मीडिया का दबाव बढ़ा तो एसडीएम ने एक्शन लिया। अब एक नया मामला सामने आ गया है। जबकि जबलपुर में न केवल 15 से अधिक स्कूल संचालकों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए बल्कि कलेक्टर ने पुस्तक मेला लगता कर सबको सरकारी दरों पर स्टेशनरी उपलब्ध करवाई। एक्शन लेना और एक्शन का दिखावा करना, दोनों में क्या अंतर होता है, बड़ा स्पष्ट समझा जा सकता है।

मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन राजधानी में नहीं हुआ 

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश के बावजूद प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। स्कूल वालों ने अपना सिलेबस और फीस चार्ट ना तो नोटिस बोर्ड पर चिपकाए है और ना ही अपनी वेबसाइट पर डिस्प्ले किया है। सभी स्कूलों को 31 मार्च तक पाठ्यक्रम की सूची जिला शिक्षा अधिकारी(DEO) को सौंपनी थी। अब तक 323 स्कूलों में से सिर्फ 54 स्कूलों ने सूची सौंपी हैं। इसके अलावा 12 निजी स्कूलों के अभिभावकों ने कलेक्टर से शिकायत की थी कि उनपर एक ही किताब दुकान से पाठ्य सामग्री खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है। 

कलेक्टर ने सिर्फ नोटिस जारी किया

कलेक्टर ने जांच नहीं करवाई, एक्शन नहीं लिया, सिर्फ नोटिस जारी किया। भोपाल के प्राइवेट स्कूल संचालक की पावर देखिए, उन्होंने कलेक्टर के नोटिस का जवाब नहीं दिया। सिर्फ एक स्कूल संचालक ने जवाब दिया। वर्तमान शिक्षा सत्र के शुरू होने से लेकर आज तक भोपाल में जिला प्रशासन द्वारा केवल 3 अप्रैल को एक बार कार्रवाई की गई थी। उसमें भी कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।

भोपाल के पावरफुल DEO, कलेक्टर के सार्वजनिक निर्देश भी नहीं मानते

जिला प्रशासन की ओर से एमपी नगर स्थित बुक्स एंड बुक्स और न्यू स्नेह बुक सेंटर पर छापा मारा गया। दुकान पर उपस्थित अभिभावकों-बच्चों से बातचीत व जांच में सामने आया कि न्यू स्नेह बुक सेंटर पर 11 और बुक्स एंड बुक्स पर पांच स्कूलों की बुक्स, कोर्स और अन्य सामान दिया जा रहा है। जांच के बाद कलेक्टर ने सभी स्कूलों व दोनों बुक सेंटरों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन डीईओ ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की। 

जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी कुमार त्रिपाठी का बयान

12 में से एक स्कूल ने नोटिस का जवाब दिया है और 323 में से 54 ने ही पाठ्यक्रमों की सूची सौंपी है। जल्द ही जिला स्तरीय मान्यता समिति की बैठक होगी। जिसमें कार्यवाही के संबंध में निर्णय जाएगा। 

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