BHOPAL NEWS - किसी भी प्रॉपर्टी का 30 साल पुराना रिकॉर्ड मात्र ₹50 में, सर्टिफाइड रजिस्ट्री ₹500 में

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित पूरे मध्य प्रदेश में किसी भी प्रॉपर्टी का 30 साल पुराना रिकॉर्ड मात्र ₹50 में मिल जाएगा। हालांकि अभी भी सरकारी फीस ₹50 ही है लेकिन पूरी प्रक्रिया ऑफलाइन है और आम नागरिक एवं रिकॉर्ड के बीच में पंजीयन विभाग का एक बाबू होता है। सारा सिस्टम ऑनलाइन हो जाने के कारण बाबू गायब हो जाएगा। रिकॉर्ड और ग्राहक डायरेक्ट कनेक्ट हो जाएंगे। 

1994 से अब तक की सभी रजिस्ट्री ऑनलाइन होगी

पंजीयन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक प्रापर्टी की ऑनलाइन सर्च रिपोर्ट वर्ष 2005 से 2023 तक की उपलब्ध है। इसके पहले की मैन्युअल सर्च वर्ष 1994 तक की हो जाती है, लेकिन इसे भी आनलाइन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक लोगों को प्रापर्टी का पता करने के लिए 12 दफ्तर स्थित जिला पंजीयन विभाग के रिकार्ड रूम में जाना पड़ता था। यहां पर जिस वर्ष की प्रापर्टी खोजना है। उसके लिए 50 रुपये चुकाना पड़ता है। नई व्यवस्था में लोग घर बैठे अपने सिस्टम पर प्रापर्टी की रिपोर्ट हासिल कर सकेंगे। जिसका 50 रुपये शुल्क लगेगा। 

2015 से शुरू हुई हैं ई-रजिस्ट्री

जानकारी के अनुसार वर्ष 2000 से 2015 तक की मैन्युअल रजिस्ट्री को डिजिटल किया जा रहा है। अगस्त 2015 से प्रदेश में ई-रजिस्ट्री की सुविधा शुरू हुई थी। अब 2015 से पहले की मैन्युअल रजिस्ट्री के दस्तावेज भी डिजिटाइज कर रहे हैं। भोपाल के चार लाख, इंदौर के पांच लाख, ग्वालियर के दो लाख, जबलपुर के दो लाख मैन्युअल रजिस्ट्री का रिकार्ड डिजिटल किया जा रहा है। पहली बार वर्ष 1908 में रजिस्ट्रेशन एक्ट बना था, तब से रजिस्ट्री हो रही है।

ई-रजिस्ट्री से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई

अगस्त 2015 से मैन्युअल रजिस्ट्री को बंद करने के बाद संपदा साफ्टवेयर की मदद से ई-रजिस्ट्री के लिए सर्विस प्रोवाइडर स्लाट बुक कर रजिस्ट्री करते हैं। नई व्यवस्था से प्रापर्टी की रजिस्ट्री में धोखाधड़ी कम हो गई है। लोगों के समय की बचत हो रही है। जबकि पहले लोगों को रजिस्ट्री कराने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था। विभाग की योजना है कि सन 1990 तक का रिकार्ड धीरे-धीरे डिजिटल कर दिया जाए।
  • सत्यापित प्रति का शुल्क - 500 रुपये
  • दस्तावेज डाउनलोड करने का शुल्क - 300 रुपये
  • आनलाइन सर्च का शुल्क - 50 रुपये

आधिकारिक बयान

स्वप्नेश शर्मा, वरिष्ठ जिला पंजीयक का कहना है कि, प्रापर्टी का डाटा डिजिटल करने का काम किया जा रहा है। इससे खरीदार प्रापर्टी के क्रय -विक्रय की जानकारी आसानी से आनलाइन देख सकेंगे। साथ ही मैन्युअल रजिस्ट्री गुम होने पर डिजिटल रजिस्ट्री की नकल ले सकेंगे। रिकार्ड को सुरक्षित रखने में कोई परेशानी नहीं होगी। 

🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। भोपाल के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!