Comptroller and Auditor General of Madhya Pradesh द्वारा मध्य प्रदेश में निर्मित पुलों के ऑडिट में कई गंभीर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। टोटल 72 पुलों का ऑडिट किया गया था। पाया गया है कि 68 पुल निर्धारित समय पर बनकर तैयार नहीं हुए थे फिर भी ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। इसके अलावा ठेकेदारों को और भी कई प्रकार के लाभ दिए गए।
भोपाल और उज्जैन के ठेकेदारों पर विशेष सरकारी कृपा
मध्य प्रदेश सरकार ने सन 2013 में एक नियम निर्धारित किया था कि सरकारी काम उपयोग किए जाने वाले गौण खनिज की रॉयल्टी ली जाएगी। संबंधित सरकारी ठेकेदार को रॉयल्टी अदा करनी होगी। इस नियम के अनुसार जब तक कोई ठेकेदार रायल्टी चुकाने के संबंध में अदेयता प्रमाण पत्र नहीं देता, उसका भुगतान नहीं किया जाना चाहिए। इसके बाद भी अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021 के बीच भोपाल और उज्जैन संभाग के छह पुलों के निर्माण में ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया।
सीएजी रिपोर्ट में सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जानकारी
भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग के अंतर्गत प्रधान महालेखाकार मध्य प्रदेश ग्वालियर द्वारा ताज ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि, मध्य प्रदेश सरकार पर लोन की रकम बहुत ज्यादा बढ़ गई है और अब चिंता की स्थिति बन गई है। सरकारी योजनाओं में कई प्रकार की अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में बताया कि मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी बुनियादी ढांचे में लगातार कमी होती जा रही है। कृषि के क्षेत्र में भी सरकारी आंकड़े अच्छे नहीं है।
⇒ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें। यहां क्लिक करके भोपाल समाचार का टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।