Madhya Pradesh Public Service Commission Indore द्वारा मध्य प्रदेश शासन के प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2023 की मुख्य परीक्षा की तारीख बढ़ाने की मांग की जा रही है। इसके लिए उम्मीदवारों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर के दरवाजे पर प्रदर्शन किया और ज्ञापन दिया। इसी विषय में लोक सेवा आयोग के सचिव श्री प्रबल सिपाहा ने इंदौर के प्रतिष्ठित पत्रकार श्री संजय गुप्ता के सवालों का जवाब दिया।
MPPSC INDORE - तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे हैं उम्मीदवारों के तर्क
मध्य प्रदेश पीएससी, मध्य प्रदेश राज्य सेवा परीक्षा 2023, प्रारंभिक परीक्षा में क्वालीफाई हुए कैंडीडेट्स का कहना है कि, नियमन अनुसार रिजल्ट घोषित होने के बाद अगली परीक्षा की तैयारी के लिए 90 दिन का समय दिया जाना चाहिए। उम्मीदवारों का कहना है कि, परीक्षा की तारीख बढ़ाने के मामले में मानवीय पहलू भी है। राज्य सेवा परीक्षा 2024 में सिलेबस बदल जाएगा। वर्तमान सिलेबस के आधार पर यह लास्ट एग्जाम है। इसलिए भी उन्हें मौका मिलना चाहिए।
MADHYA PRADESH PSC सेक्रेटरी का जवाब
प्रदर्शनकारी कैंडिडेट्स को एमपी लोक सेवा आयोग की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया लेकिन जब यही प्रश्न पत्रकार श्री संजय गुप्ता ने लोक सेवा आयोग मध्य प्रदेश के सचिव श्री प्रबल सिपाहा से किया तो, उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा दिसंबर में हुई थी और मुख्य परीक्षा मार्च में आयोजित की जा रही है। दोनों परीक्षाओं के बीच में 90 दिन का समय दिया गया है। इसके अलावा परीक्षा कैलेंडर भी पहले से ही जारी कर दिया था। इसका मतलब था कि उम्मीदवार अपनी तैयारी पहले से करें। एमपीपीएससी के सेक्रेटरी ने कहा कि, परीक्षा की तारीख नहीं बदली जाएगी।
एमपीपीएससी कैंडिडेट्स के टीचर्स और मेंटर्स का तर्क
मांग प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले टीचर्स और एमपीपीएससी कैंडिडेट्स के मेंटर्स, परीक्षा की तारीख बढ़ाने की मांग का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है की परीक्षा से परीक्षा के बीच में 90 दिन का समय नहीं दिया जाता। रिजल्ट आने से पहले नई परीक्षा की तैयारी कोई नहीं करता। एमपीपीएससी के सेक्रेटरी को बयान देते समय यह ध्यान में रखना चाहिए कि, उनका बयान स्टूडेंट के अलावा टीचर्स और दूसरे बुद्धिजीवियों तक भी पहुंचेगा। यदि परीक्षा का कैलेंडर गलत बन गया है तो उसमें सुधार किया जाना चाहिए। अपनी गलती सुधारना, महान काम माना जाता है। अपनी गलती पर जिद करने, डटे रहने और कुतर्क करने वालों को क्या कहा जाता है, बताने की जरूरत नहीं है।
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