BEd वाले प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी के फैसले की तारीख तय, हाई कोर्ट में अंतिम सुनवाई - MP NEWS

मध्य प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा आदेश का उल्लंघन करते हुए प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्त कर दिए गए BEd डिग्री धारी (बिना डीएलएड वाले) शिक्षक नौकरी कर पाएंगे या नहीं, इसका डिसीजन लेने के लिए हाईकोर्ट ने अंतिम सुनवाई की तारीख तय कर दी है। 

सुप्रीम कोर्ट में भी पुनर्विचार याचिका लगी है

जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश की डिवीजन क्रमांक-दो के जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से जबाब दाखिल किया जा चुका है, तथा हाईकोर्ट को अवगत कराया गया कि दिनांक 11/08/2023, को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के संबंध में पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई है, जिसकी सुप्रीम कोर्ट मे आगामी सुनवाई दिनांक 11/1/2024 नियत की गई है। अतः उक्त प्रकरण के निर्णय उपरांत ही बी.एड. डिग्रीधारियों का भविष्य तय होगा तथा हाईकोर्ट द्वारा उक्त समस्त प्रकरणों की आगामी सुनवाई दिनांक 19/01/2024 नियत की गई है। 
 

मध्य प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 15000 नियुक्तियां हुई है

अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा दिनांक 07/7/22 को अंतरिम आदेश के प्रवर्तन के दौरान, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग एवं ट्रायबल बेलफेयर डिपार्मेंट मे 25 हजार से अधिक नियुक्तियों मे से लगभग 15 हजार से अधिक बीएड डिग्री धारियों को प्राथमिक शिक्षक के रूप मे नियुक्तियां दी गई हैं, जबकि प्राथमिक शिक्षकों क़ी भर्ती मे बी.एड. डिग्रीधारियों को सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 11/8/23 को फैसला पारित करके स्पष्ट कर दिया गया था कि, प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए बीएड डिग्री अयोग्य हैं, और यदि इन्हे नियुक्त किया जाता हैं, तो संविधान के अनुच्छेद 21-A के तहत प्रदत्त शिक्षा के अधिकार सहित, राइट टू एजुकेशन एक्ट 2009 का उल्लंघ्न हैं एवं कक्षा 1 से कक्षा 5 तक पड़ने वाले 6 से 14 साल क़ी आयु के छात्रों के मौलिक अधिकारों का हनन है। क्योंकि 6 से 14 साल क़ी आयु के बच्चो को अध्यापन कार्य कराने हेतु बीएड डिग्रीधारी योग्य नहीं हैं। 

प्राथमिक शिक्षक भर्ती में हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश का उल्लंघन किया

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय दिनांक 11.8.2023 में स्पष्ट किया है कि 6 से 14 साल क़ी आयु के बच्चो को अध्यापन कार्य सिर्फ DLED (एलिमेंट्री कोर्स) धारको को ही विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है, इसलिए  NCTE द्वारा प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए DLED (एलिमेंट्री कोर्स) तथा बीएड डिग्री धारियो को भी निर्धारित योग्यता वाले परिपत्र 26/6/2018 को सर्व प्रथम राजस्थान हाईकोर्ट तथा दिनांक 11/8/2023 को सुप्रीम कोर्ट तत्पश्चात बिहार हाईकोर्ट, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, उत्तरप्रदेश हाईकोर्ट सहित देश की आठ हाईकोर्ट असंवैधानिक  घोषित कर चुकी है। तत्समय मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के अन्तरिम आदेश दिनांक 07/7/2022 के वाबजूद, मध्य प्रदेश सरकार ने आदेशों को दरकिनार करके प्राथमिक शिक्षको की नियम विरूद्ध 25 हजार से अधिक भर्तिया कर दी गई है। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय दिनांक 11/8/2023 मे स्पष्ट कर दिया गया है कि NCTE के परिपत्र दिनांक 28/6/2018 के अनुरूप किसी भी राज्य मे प्राथमिक शिक्षकों क़ी जो भी नियुक्तियां क़ी गई हैं वो सभी  असंवैधानिक हैं। याचिकाकर्ताओ क़ी ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विज्ञान शाह ने क़ी। 

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