मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने वाली मेट्रो ट्रेन की टेस्टिंग प्रोसेस शुरू हो गई है। सुभाष नगर डिपो में 50 से ज्यादा विशेषज्ञों की निगरानी में यह प्रक्रिया संचालित की जा रही है। इसमें सीनियर इंजीनियर, टेक्निकल एक्सपर्ट और सुपरवाइजर इत्यादि शामिल है। इंजीनियर्स का कहना है कि, ट्रायल रन से पहले भोपाल मेट्रो ट्रेन हर एंगल से TESTED OK हो चुकी होगी।
15 दिन का काम 5 दिन में पूरा करने के लिए 3000 कर्मचारियों की टीम
भोपाल में फिलहाल मेट्रो ट्रेन के 3 कोच आए हैं हैं। ट्रायल रन से पहले सभी प्रकार की जांच पड़ताल के लिए सुभाष नगर डिपो में 24 घंटे लगातार काम चल रहा है। मेट्रो रेल के अलावा मेट्रो बनाने वाली एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड के कर्मचारी भी यहां हैं। हर कोच एंटी बैक्टीरिया और एंटी वायरल सिस्टम वाला रहेगा। 25 सितंबर या इसके आसपास कभी भी मेट्रो का ट्रायल रन पूरा कर लिया जाएगा। मेट्रो के डायरेक्टर (सिस्टम) शोभित टंडन ने बताया कि ट्रैक पर मेट्रो कोच उतारने के बाद अब टेस्टिंग समेत अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। टेस्टिंग और अन्य कार्य में 15 से 20 दिन का समय लगता है, लेकिन इसे जल्दी करेंगे। पहले डिपो के अंदर ट्रायल करेंगे। फिर ट्रैक पर सेफ्टी ट्रायल रन करेंगे। इसके बाद फाइनल ट्रायल रन किया जाएगा।
पांच स्टेशनों पर होगा ट्रायल
प्रायोरिटी कॉरिडोर में कुल आठ स्टेशन हैं। इनमें एम्स हॉस्पिटल, अलकापुरी, DRM ऑफिस, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, सरगम टॉकीज, DB मॉल, केंद्रीय स्कूल और सुभाषनगर स्टेशन शामिल हैं। ट्रायल रन करीब साढ़े तीन किलोमीटर में सुभाषनगर स्टेशन से आरकेएमपी स्टेशन तक किया जाएगा।
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