Low investment high profit small startup business ideas
अपना स्टार्टअप बिजनेस शुरू करना है। कैपिटल इन्वेस्टमेंट नहीं है। बिजनेस लोन लेना नहीं चाहते और अपने दम पर पैसा कमाना चाहते हैं तो HaR BOOKS का काम शुरू कीजिए। आपके घर का स्टडी रूम स्टोर रूम शुरुआत के लिए काफी है। इंस्टाग्राम पर आपकी ऑनलाइन स्टोर शुरू हो जाएगी। व्हाट्सएप पर आर्डर मिल जाएंगे। डिलीवरी देने के लिए खुद चले जाना। साल 2 साल में स्थिति ऐसी बन जाएगी कि लोग आपका इंतजार करेंगे।
HaR BOOKS का बिजनेस क्या है
HaR BOOKS यानी Hire and Rent Books का बिजनेस। भारत में यह बहुत पुराना और पारंपरिक बिजनेस है लेकिन अब इसे नए तरीके से करने की जरूरत है। जो भी सबसे पहले शुरू करेगा उसे सबसे ज्यादा फायदा होगा। इसमें आपको नई किताबें कलेक्ट करना है और अपने आसपास के 5 किलोमीटर के एरिया में स्टूडेंट को पढ़ने के लिए उपलब्ध कराना है। स्टूडेंट्स किताब के बदले आपको किराया देंगे और एक निर्धारित समय अवधि के बाद आपकी किताब आपको वापस कर देंगे।
HaR BOOKS का स्टार्टअप कैसे शुरू करें
सबसे पहले बुक्स कलेक्ट कीजिए। बहुत सारे स्टूडेंट्स किताबें खरीदते हैं और फिर पास हो जाने के बाद या तो किसी जरूरतमंद विद्यार्थी को दान कर देते हैं या फिर फुटपाथ पर किताबों की दुकान लगाने वाले को रद्दी के भाव बेच देते हैं। आपको इनसे संपर्क करना है और बुक्स कलेक्ट करना है। उन्हें अपनी किताबों का रद्दी से अच्छा दाम मिल जाएगा और मन में संतोष होगा कि उनकी किताबों से कोई और भी पढ़ रहा है।
इसके साथ ही इंस्टाग्राम पर अपना पेज बना लीजिए। हर किताब का फोटो शेयर कीजिए। पढ़ते हुए स्टूडेंट्स के वीडियो। कुछ कठिन सवालों के जवाब बताने वाले वीडियो अपलोड करेंगे तो इंगेजमेंट बढ़ेगा। वैसे इंस्टाग्राम पर डीएम की फैसिलिटी है परंतु आर्डर कलेक्ट करने के लिए व्हाट्सएप का उपयोग कीजिए। इससे आपको सब का व्हाट्सएप नंबर मिल जाएगा और इंस्टाग्राम के समकक्ष आपका व्हाट्सएप ग्रुप भी बन जाएगा। आजकल डबल सिक्योरिटी सिस्टम का जमाना है। इसलिए अपने बहुमूल्य ग्राहकों से संपर्क बनाए रखने के लिए कम से कम 2 माध्यम तो होनी चाहिए।
HaR BOOKS के बिजनेस में कितना फायदा होगा
एक किताब पर 1 दिन का कम से कम ₹10 और अधिकतम ₹100 किराया मिलता है। किताब का किराया उसकी मांग और उपलब्धता पर निर्भर करता है। कभी कुछ दुर्लभ किताबों का किराया उनकी कीमत के बराबर अथवा उससे ज्यादा भी होता है। मान लेते हैं कि शुरुआत में केवल 100 किताबें किराए पर जाएंगी और औसत ₹50 किराया मिलेगा। यानी महीने का ₹15000 प्रॉफिट शुरू हो जाएगा, जो हर आने वाले महीने में बढ़ता चला जाएगा। जितनी ज्यादा किताबें होंगी, उतना ज्यादा कारोबार बढ़ेगा। सबसे अच्छी बात है की किताब यदि एक बार खरीद ली तो बस उसका मेंटेनेंस करना होता है और किताबों का मेंटेनेंस बहुत महंगा नहीं होता। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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