मध्य प्रदेश में इस साल बादलों में बड़ी बेवफाई की है। कहीं 24 घंटे में 200 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश करके पूरे इलाके को तालाब बना दिया तो कहीं पर 24 घंटे में 24 मिनट के लिए भी बूंदाबांदी नहीं होती। अब स्थिति यह है कि, आसमान से बादल साफ हो रहे हैं। बारिश वाले काले बादल गायब हो गए हैं। उमस बढ़ने लगी है।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान- मानसून छुट्टी पर चला गया है
मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश वाले बादल हिमालय की ओर चले गए हैं। यह बादल समुद्र से लेकर हिमालय तक के बीच में पड़ने वाले इलाके में बारिश करेंगे और फिर हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं से टकराकर खत्म हो जाएंगे। यह आप कभी वापस नहीं आएंगे, लेकिन दक्षिण पश्चिम में स्थित समुद्र से मानसून के बादल फिर उठेंगे। भारत मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि सेटेलाइट से प्राप्त चित्रों में फिलहाल समुद्र में ऐसे बादलों कि कोई बटालियन दिखाई नहीं दे रही है जो मध्य प्रदेश की तरफ आगे बढ़ेगी। इस स्थिति को ब्रेक मानसून कहते हैं। यानी मानसून छुट्टी पर चला गया है। 15 अगस्त के बाद समुद्र से ताजा बादलों के उमढ़ने की उम्मीद है।
Madhya Pradesh monsoon weather forecast and report
- प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश नरसिंहपुर में हुई। यहां बारिश का आंकड़ा 35 इंच से ज्यादा है।
- सिवनी-मंडला में 32 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
- इंदौर, जबलपुर, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, सागर, शहडोल, नर्मदापुरम और रायसेन में 28 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है।
- बालाघाट, कटनी, निवाड़ी, पन्ना, उमरिया, बैतूल, भिंड, देवास, हरदा, रतलाम, सीहोर और विदिशा में बारिश का आंकड़ा 24 इंच के पार पहुंच गया है।
- सतना, अशोकनगर, बड़वानी, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, मंदसौर और मुरैना में कम बारिश हुई है। यहां आंकड़ा 16 इंच को भी नहीं छू सका है।
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