भगवान श्रीराम और लक्ष्मण द्वारा स्थापित जुड़वा शिवलिंग, दोष निवारण होते हैं- SHIV RAM JABALPUR

Bhopal Samachar
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oldest Shiva temple in Madhya Pradesh

दक्षिण भारत, रामेश्वरम में भगवान श्री राम द्वारा स्थापित शिवलिंग के दर्शन होते हैं। जो उन्होंने शत्रु पर विजय की कामना से स्थापित किए थे। जबकि मध्य भारत के जबलपुर में भगवान श्री राम और लक्ष्मण द्वारा स्थापित ऐसे जुड़वा शिवलिंग के दर्शन होते हैं, जिसकी पूजा करने से समस्त प्रकार के दोषों का निवारण होता है। भगवान श्री राम एवं लक्ष्मण ने ब्रह्म हत्या के दोष निवारण हेतु इस जुड़वा शिवलिंग की स्थापना की थी। 

हनुमान जी ने खोजा दोष निवारण का स्थान

यह शिवलिंग राम-रावण युद्ध के पश्चात, राम राज्य की स्थापना के पश्चात स्थापित किया गया था। स्कंदपुराण के रेवाखंड में इसकी कथा का वर्णन है। रावण का वध करने के बाद भगवान श्री राम के मन में एक प्रश्न था कि, ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति कैसे मिलेगी। भगवान शिव के रुद्रावतार हनुमान जी, इसका निदान खोजने के लिए कैलाश पर्वत पहुंचे। तो भगवान शिव के दर्शन करना चाहते थे परंतु नंदी ने उन्हें द्वार पर रोक लिया। बताया कि संजीवनी बूटी और अशोक वाटिका अग्निकांड के दौरान उन्होंने प्रकृति के प्रति पाप किया है। प्रकृति की हत्या का दोष लगा है इसलिए कैलाश में प्रवेश नहीं कर सकते। हनुमान जी के निवेदन पर नंदी महाराज ने बताया कि मध्य भारत में नर्मदा नदी के तट पर एक विशेष स्थान पर प्रायश्चित हेतु तप करने से उन्हें इस दोष से मुक्ति मिल सकती है। 

भगवान श्रीराम पर लगा ब्रह्महत्या का दोष निवारण हुआ था

वापस लौट कर हनुमान जी ने नंदी महाराज द्वारा बताई गई विधि के अनुसार तप किया, पश्चात वापस कैलाश पहुंचे। नंदी महाराज ने उनका स्वागत किया और भगवान शिव के दर्शन कराएं। इस प्रकार प्रमाणित हुआ कि हनुमान जी समस्त प्रकार के दोषों से मुक्त हो गए हैं। वापस लौटकर उन्होंने प्रभु श्री राम को इसके बारे में बताया। भगवान श्री राम एवं लक्ष्मण इसी स्थान पर आए। दोनों ने एक साथ जुड़वा शिवलिंग की स्थापना की और विधिवत भगवान शिव की पूजा करके ब्रह्महत्या एवं इस अभियान में हुए सभी ज्ञात-अज्ञात पापों के दोष से मुक्ति के लिए शिवलिंग का अभिषेक किया। कथाओं में कहा जाता है कि, विधिवत शिवलिंग की स्थापना एवं अभिषेक के कारण भगवान श्री राम एवं लक्ष्मण के समस्त दोषों का निवारण हो गया और इसी के कारण वह अपने धाम में वापस लौट पाए। 

यह स्थान वर्तमान मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर के निकट नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। लम्हेटाघाट के दूसरी ओर एक भव्य मंदिर दिखाई देता है जहां भगवान श्री राम एवं लक्ष्मण द्वारा स्थापित जुड़वा शिवलिंग के दर्शन होते हैं। स्थानीय लोग इस मंदिर को रामेश्वर-लक्ष्मणेश्वर-कुंभेश्वर कपितीर्थ मंदिर कहते हैं। दोष निवारण के अनुष्ठान के दौरान इस स्थान पर श्री लक्ष्मी यंत्र, नीलगिरी पर्वत, पारस कुंड, सूर्य कुंड, शनि कुंड, इंद्र गया कुंड, ब्रह्मा विमर्श शिला, बलि यज्ञ, एरावत हाथी के पैरों के निशान आदि कई प्रकार के चिन्ह एवं संरचनाएं आज भी देखी जा सकती हैं। 

12 Must Visit Lord Shiva Temples in Madhya Pradesh

1. महाकालेश्वर विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिर उज्जैन 
2. ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग खंडवा। 
3. भोजेश्वर मंदिर भोजपुर रायसेन भोपाल। 
4. पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर 
5. चौरागढ़ के महादेव पचमढ़ी, नर्मदा पुरम। 
6. ककनमठ शिव मंदिर मुरैना। 
7. बटेश्वर के प्राचीन शिव मंदिर। 
8. गुप्तेश्वर महादेव जबलपुर। 
9. जलेश्वर शिव मंदिर महेश्वर। 
10. अमरकंटक के अमरेश्वर महादेव। 
11. कंदरिया महादेव खजुराहो छतरपुर। 
12. मतंगेश्वर महादेव खजुराहो छतरपुर। 
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