कृषि उपज मंडी विदिशा में 2007 में हुए गबन के मामले में गुरुवार को विशेष न्यायाधीश लोकायुक्त मनोजकुमार राठी ने आरोपी तत्कालीन मंडी सचिव अनिल यादव और लेखापाल अरविंद जैन को 7 साल के कारावास की सजा सुनाई। वहीं दोनों आरोपियों पर 63 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया।
दोनों आरोपियों को सजा के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस मामले में 11 आरोपी बनाए गए थे। इनमें से दो की मौत हो चुकी है। वहीं सात आरोपियों को बरी कर दिया है। विशेष लोक अभियोजक ज्योति गोयल ने बताया कि साल 2007 में मंडी में 1 करोड़ 55 लाख का गबन हुआ था। कई स्तर पर इस मामले की जांच हुई थी। मामले की जांच लोकायुक्त ने की। साल 2012 में चालान पेश हुआ था।
लेखापाल पर 45 और सचिव पर 18 लाख का जुर्माना
कोर्ट ने तत्कालीन मंडी सचिव अनिल यादव और लेखापाल अरविंद जैन को मामले में दोषी पाया गया। अरविंद जैन पर 45 लाख और अनिल यादव पर 18 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। इस मामले में इन दोनों के अलावा ऑडिटर जेपीएन तिवारी और डीपी सक्सेना भी आरोपी थे।
इन दोनों की मौत हो चुकी है। वहीं सहायक लेखापाल घनश्याम श्रीवास्तव, ऑडिटर वीके सक्सेना, एके सक्सेना, आरआर चौबे, आरएम अहिरवार, एनएस तोमर और सीए विकास जैन को आरोपी बनाया था। कोर्ट ने इन सभी को बरी कर दिया है। आरआर चौबे और आरएम अहिरवार की तरफ से पैरवी एडवोकेट शिवनारायण शर्मा और रीठा तिवारी ने की।
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