मानसून की पहली बारिश के साथ ही हादसों की खबरें आना शुरू हो गई है। मुहाड़ी फॉल की खाई में 2 स्टूडेंट्स गिरे। एक झाड़ियों में फस गया, इसलिए जिंदा निकल आया। दूसरे की डेड बॉडी निकालने में 15 घंटे लगे। बरसात के दिनों में इंदौर में इस तरह के हादसे हर साल होते हैं। इसके बावजूद इंदौर जिला प्रशासन द्वारा इन्हें रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाए जाते।
सेल्फी, शॉर्ट वीडियो और इंस्टाग्राम रील्स के लिए जानलेवा स्टंट
घटना इंदौर के पास पर्यटन स्थल मुहाड़ी फॉल की है। पुलिस के मुताबिक इलियास कॉलोनी का रहने वाला मोइन उर्फ अनस (19) शनिवार को अपने दोस्त इरफान व अन्य के साथ पिकनिक मनाने मुहाड़ी फॉल गया था। इस दौरान मोइन और इरफान खाई के पास सेल्फी ले रहे थे, तभी उनका पैर फिसल गया और दोनों खाई में जा गिरे। इरफान झाड़ियों में फंस गया, जिसे उसके दोस्तों ने ऊपर खींच लिया। जिससे उसकी जान बच गई। जबकि मोइन गहराई में चला गया। दोस्तों ने उसे खोजा, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।
मुहाड़ी फॉल क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलता, हेल्प भी नहीं मांग पाते
इसके बाद रविवार सुबह एनडीआरएफ और पुलिस की टीम यहां पहुंची। घटना के करीब 15 घंटे बाद रविवार दोपहर को उसका शव मिला। बताया गया है कि, मोबाइल का नेटवर्क नहीं मिलने के कारण मोइन के दोस्त घटना के तुरंत बाद पुलिस को सूचना नहीं दे पाए। ग्रामीणों की मदद से पुलिस तक सूचना पहुंची। रात में सर्च ऑपरेशन नहीं चल पाया। सुबह होते ही एनडीआरएफ की टीम यहां पहुंची। पुलिस के साथ ग्रामीण भी मोइन का पता लगाने में जुटे थे। काफी खोजबीन के बाद मोइन का शव मिला है, जिसे पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजा दिया गया।
इंदौर में मुहाड़ी फॉल झरने के पास सेल्फी, जानलेवा है
बारिश में इंदौर के नजदीक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पातालपानी में सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं। इस पिकनिक स्पॉट पर सबसे ज्यादा हादसे भी होते हैं। 2011 में एक पूरा परिवार ही इसमें समा गया था। इसके बावजूद भी कई लोग आज भी खतरा उठाते देखे जा सकते हैं। सुरक्षा के इंतजामों पर भी कोई ध्यान नहीं देता। दरअसल, बारिश के दौरान पातालपानी में मलेंडी नदी का पानी तेज बहाव के साथ आता है।
शनिवार को कई लोग यहां घूमने आए और इनमें से कई लोग पहाड़ी और झरने से लगी रैलिंग को पार करके बीच झरने के बीच फोटो और सेल्फी लेने लगे। इन पर्यटकों को रोकने के लिए ना तो यहां पर कोई पुलिसकर्मी तैनात किया गया था और ना ही पंचायत की तरफ से कोई चौकीदार था।
जिम्मेदारों और प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि अभी से पर्यटकों को नियंत्रित नहीं किया गया तो कभी भी 2011 जैसा हादसा होने की आशंका है। तब यहां पूरा परिवार तेज पानी में बह गया था, जिसका वीडियो आज भी लोगों को दिल दहला देता है।
✔ पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार पढ़ने के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए।
✔ यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।
क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल - व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ स्पेशल भी होता है।