NEET कैंडीडेट्स और उनके पेरेंट्स के लिए बड़ी खबर- काउंसलिंग की प्रक्रिया बदली - NEWS TODAY

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मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई करने का सपना देख रहे नीट कैंडीडेट्स और उनके पेरेंट्स के लिए बड़ी खबर है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमबीबीएस और पीजी की सीटों पर एडमिशन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया को बदल दिया है। पिछले साल तक राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा काउंसलिंग कराई जाती थी परंतु इस साल ऐसा नहीं होगा। 

MBBS-2023 एडमिशन के लिए काउंसलिंग में क्या बदला

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्धारित किया है कि, भारत के सभी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए काउंसलिंग का काम मेडिकल काउंसिल कमेटी (MCC) करेगी। इसकी वजह बताई जा रही है कि अलग-अलग जगह काउंसलिंग होने से छात्र सीटों को ब्लॉक कर देते हैं। मेरिट सूची के अन्य छात्र को मनचाही सीट नहीं मिल पाती है। मध्य प्रदेश में 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज सहित निजी कॉलेजों में 4005 सीटें हैं। इनमें से 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटे की हैं। 85 फीसदी सीटों पर एडमिशन राज्य के आरक्षण नियमों के तहत किया जाता था।

MEDICAL PG ADMISSION

पीजी सीटों की बात करें तो इसमें 50 फीसदी ऑल इंडिया और 50 फीसदी सीट्स राज्य कोटे की हैं। केंद्र सरकार ने राज्यों से नियम बुलवाए हैं। इसकी वजह यह है कि हर राज्य में आरक्षण देने के नियम-कायदे अलग-अलग हैं। मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के चेयरमैन के पत्र में लिखा है कि काउंसलिंग प्रोसेस को आसान बनाने के लिए यह कवायद की जा रही है। कई बार कोर्ट भी प्रक्रिया को आसान बनाने के आदेश जारी कर चुकी है। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, जेआईपीएमईआर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी और डीम्ड यूनिवर्सिटी के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया एमसीसी ही करवाता है। 

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