Madhya Pradesh Public Service Commission, indore
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा एससी एसटी ओबीसी की लगभग 2700 अभ्यर्थियों का स्पेशल एग्जाम कराने का आदेश दिया गया था। उक्त सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में अधिवक्ता श्री रामेश्वर सिंह द्वारा चुनौती दी गई थी। इस अपील की सुनवाई में मुख्य न्यायमूर्ति एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ द्वारा सिंगल बेंच के आदेश को उचित मानकर रिट अपील खारिज कर दी गई थी।
SSE-2019 भर्ती प्रक्रिया याचिका 5817 के निर्णय के अध्याधीन
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के दोनों आदेशों के विरुद्ध ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन विधिक सहायता से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका क्रमांक SLP (C) 5817/2023 दाखिल की गई है। जिसकी पहली सुनवाई दिनांक 10 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया को SLP (C) 5817/2023 के निर्णय के अध्याधीन कर दिया था एवं अन आवेदकों को नोटिस जारी किए गए थे।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग जल्दबाजी कर रहा है
याचिका की दूसरी सुनवाई दिनांक 16 मई 2023 को जस्टिस कृष्ण मुरारी तथा संजय कुमार ने की। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से जवाब प्रस्तुत करने हेतु 4 सप्ताह का समय मांगा गया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह जानते हुए कि सारी प्रक्रिया इस याचिका के निर्णय के अध्याधीन है फिर भी मध्य प्रदेश पीएससी द्वारा भर्ती प्रक्रिया निरंतर जारी है। इसके कारण अभ्यर्थियों का भविष्य अनिश्चित होता है।
MPPSC को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख दिनांक 14 जुलाई निर्धारित करते हुए आयोग को स्पष्ट निर्देश दिए है कि यदि याचिका एलाऊ होती है और यदि थर्ड पार्टी इंटरेस्ट क्रिएट किया जाता है तो खामियाजा आयोग को भुगतना पड़ेगा। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता श्री गौरव अग्रवाल एवं श्री रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं सुश्री समृद्धि जैन द्वारा की गई।
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