भोपाल। यदि आपके पास नगरीय निकायों की दुकान अथवा मकान आदि खरीदने के लिए पैसा नहीं है परंतु उम्मीद है कि भविष्य में आप इसे खरीद पाएंगे, अथवा आप देखना चाहते हैं कि दुकान चलेगी या नहीं चलेगी, तो आप नगरिया निकाय से 10 महीने के लिए दुकान, ऑफिस, फ्लैट, मकान या कोई भी विक्रय योग्य प्रॉपर्टी किराए पर ले सकते हैं। यदि 10 महीने में खरीदने का इंतजाम ना हो पाए तो इसे 30 महीने तक बढ़ा सकते हैं। इसके संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
नगरीय निकाय की दुकान पहले किराए पर चला कर देखो, पसंद आए तो खरीद लो
मध्य प्रदेश शासन के नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा अचल संपत्ति का अंतरण नियम 2016 में संशोधन किया गया है। गजट नोटिफिकेशन दिनांक 28 मार्च 2023 को कर दिया गया है। इसके तहत नगरीय निकाय की ऐसी संपत्ति जो 5 बार प्रयास करने के बाद भी बिक नहीं रही है उसे ट्रायल पर यानी किराए पर दिया जा सकता है। रेंट एग्रीमेंट 10 महीने के लिए बनेगा। यदि दुकानदार की दुकान जम गई तो 10 महीने के बाद वह उसी दुकान को खरीद भी सकता है। यदि पैसे का इंतजाम नहीं हुआ तो 10+10=20 महीने के लिए रेंट एग्रीमेंट का रिनुअल करवाया जा सकता है। प्रॉपर्टी का किराया उसकी कुल कीमत का आधा प्रतिशत होगा।
अचल संपत्ति का अंतरण नियम 2016 में संशोधन
- सिर्फ ऐसी संपत्ति जो 5 या 5 से अधिक प्रयासों में बिक नहीं पाई है।
- आयुक्त, नगर परिषद एवं नगर पालिका की संपत्ति के मूल्य में 15% की कटौती कर सकते हैं।
- यदि प्रॉपर्टी की कीमत 10 करोड़ से अधिक है तो राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।
- पांच लाख से कम जनसंख्या वाले निगमों में चालीस लाख तक की संपत्ति आयुक्त।
- 40 लाख से दो करोड़ तक मेयर इन काउंसिल।
- दो करोड़ से पांच करोड़ तक नगर निगम परिषद।
- पांच से दस करोड़ तक आयुक्त।
- 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति के लिए राज्य सरकार।
- नगर पालिका परिषद के मामले में दो करोड़ रुपये तक की संपत्ति के लिए प्रेसिडेंट इन काउंसिल।
- दो करोड़ से पांच करोड़ तक की संपत्ति के मामले में परिषद।
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