शिक्षक का जबरन किया गया स्वैच्छिक स्थानांतरण हाई कोर्ट द्वारा स्थगित- MP karmchari news

यदि किसी कर्मचारी का ट्रांसफर उसकी मांग और मर्जी के खिलाफ किया जाए तो क्या उसे स्वैच्छिक स्थानांतरण कहेंगे, मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग में इस प्रकार के ट्रांसफर को स्वैच्छिक स्थानांतरण कहा गया है। मजेदार बात तो यह है कि प्राथमिक शिक्षक की मर्जी के बिना उसका ट्रांसफर एक ऐसे स्कूल में कर दिया गया जहां उसके लिए कोई पद ही रक्त में ही था। जब उसने डिपार्टमेंट को बताया तो डिपार्टमेंट अपनी गलती ठीक करने को तैयार नहीं। अब हाईकोर्ट ने ट्रांसफर आर्डर स्थगित करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को आदेशित किया 31 दिन के भीतर अपनी गलती सुधारें नहीं तो हाई कोर्ट में कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। 

MP EDUCATION DEPT NEWS- जिस स्कूल में पद रिक्त नहीं था उसमें ट्रांसफर कर दिया

श्री कुंजीलाल सूर्यवंशी, प्राथमिक शिक्षक के पद पर शासकीय प्राथमिक विद्यालय, मुरली जिला सीहोर में कार्य कर रहे थे। प्रशासनिक आधारों पर उनका ट्रान्सफर, दिनांक 21/10/2022 को शासकीय प्राथमिक विद्यालय मुरली जिला सीहोर से शासकीय प्राथमिक विद्यालय तालिया जिला सिहोर किया गया था। श्री सूर्यवंशी के अनुसार, स्थानांतरित विद्यालय में सभी स्वीकृत पद भरे हुए थे। जिसकी जानकारी पोर्टल से प्राप्त कर सक्षम अधिकारी को अभ्यावेदन देकर ट्रांसफर निरस्त करने की मांग की गई लेकिन डिपार्टमेंट द्वारा ट्रांसफर निरस्त नहीं किया गया इसलिए प्राथमिक शिक्षक द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण ली गई थी।

MP NEWS- शिक्षक ने ट्रांसफर नहीं मांगा, विभाग ने स्वैच्छिक स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया

शिक्षक की ओर से पैरोकार वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने हाई कोर्ट जबलपुर को बताया कि मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ट्रांसफर नीति के अनुसार,  किसी भी शिक्षक का स्थानांतरण आदेश जारी करने से पहले यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि जिस स्कूल में उसका ट्रांसफर किया जाना है वहां पर उसके लिए कोई पद रिक्त है या नहीं। श्री सूर्यवंशी का ट्रांसफर जहां (पालिया) हुआ है, वहां पद रिक्त नही है। ट्रांसफर का ऑनलाइन स्टेट्स देखने पर प्रतीत होता है जैसे शिक्षक के द्वारा स्वयं स्वैच्छिक ट्रांसफर चाहा था। यद्धपि, श्री सूर्यवंशी द्वारा ट्रांसफर हेतु कोई आवेदन नही दिया गया था।

अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी के तर्क से सहमत होते हुए हाई कोर्ट जबलपुर ने जिला शिक्षा अधिकारी सीहोर को प्रकरण के निराकरण के निर्देश दिए हैं। उपरोक्त निराकरण 30 दिवस के अंदर किया जाना है। उपरोक्त अवधि में ट्रांसफर आदेश स्टे रहेगा एवम श्री कुंजीलाल सूर्यवंशी, शासकीय प्राथमिक विद्यालय, मुरली में कार्य करते रहें।

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