भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय ₹100000 करने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही प्रोटोकॉल के अनुसार होने मान सम्मान देने के लिए कलेक्टरों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान, प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्षों के संघ के कार्यक्रम को समत्व भवन में संबोधित कर रहे थे।
मध्य प्रदेश विकास यात्रा के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष महत्वपूर्ण: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, 5 फरवरी से प्रदेश में आरंभ हो रही विकास यात्रा, राज्य के नव निर्माण और विकास को नई गति तथा विश्वास प्रदान करेगी। जिला पंचायत अध्यक्षों सहित सभी पंचायत प्रतिनिधि विकास और जन-कल्याण के इस अभियान में सहभागी हैं। हम प्रदेश की प्रगति और जनता की सेवा के लिए समर्पित हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष जन-कल्याण के इस अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
26 जनवरी का ध्वजारोहण पंचायत अध्यक्ष करेंगे
राज्य शासन द्वारा जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। पद के अनुसार प्रोटोकॉल के विधिवत पालन के लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए जाएंगे। जिला पंचायत अध्यक्षों के मानदेय और वाहन भत्ता आदि की राशि को बढ़ा कर एक लाख रूपये किया जाएगा। राष्ट्रीय पर्वों पर जहाँ मंत्री नहीं जाएंगे वहाँ जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान, प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्षों के संघ के कार्यक्रम को समत्व भवन में संबोधित कर रहे थे। सहकारिता मंत्री श्री अरविंद सिंह भदौरिया, अध्यक्ष जिला पंचायत सागर श्री हीरा सिंह राजपूत, अध्यक्ष जिला पंचायत पन्ना श्रीमती मीना राज परमार सहित विभिन्न जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष उपस्थित थे।
जिला पंचायत अध्यक्षों से हर तीन माह में संवाद करेंगे: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जन-कल्याण की योजनाओं और विकास कार्यों के क्रियान्वयन में जिला पंचायत अध्यक्ष सशक्त माध्यम हैं, वे प्रदेश में विकास के कार्यों को भागीरथ बन कर आगे बढ़ाएँ। विकास गतिविधियों की प्रभावी मॉनिटरिंग और गुणवत्ता पर सतत नजर रखना आवश्यक है। हमारा प्रयास है कि राज्य शासन के कार्यों से जन-सामान्य में उत्साह, आनंद और सकारात्मकता का भाव विकसित हो।
पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग और सक्रियता से राज्य सरकार जनता की सेवा और विकास का नया कीर्तिमान बनाएंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विकास कार्यों तथा जन-कल्याण की गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष, सांसद, विधायक, जनपद अध्यक्ष तथा सरपंच के मध्य परस्पर समन्वय आवश्यक है। राज्य में पंचायत राज संस्थाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ हर तीन माह में संवाद की व्यवस्था स्थापित की जाएगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष संघ द्वारा उठाए गए बिन्दुओं पर विचार होगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष संघ द्वारा उठाए गए बिन्दुओं, जिला पंचायत क्षेत्र में आने वाले विभागों में पदस्थ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण, स्वेच्छा विकास निधि, निर्माण कार्यों के अनुमोदन तथा 15वें वित्त आयोग एवं अन्य मदों की राशि में वृद्धि के संबंध में विचार कर निर्णय लिया जाएगा।
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