जो डर गया समझो मर गया, गब्बर सिंह के डायलॉग के पीछे का साइंस पढ़िए- GK Today

शोले फिल्म में गब्बर के बहुत सारे डायलॉग हिट हुए। उनमें से एक डायलॉग यह भी था कि, जो डर गया समझो मर गया। आइए जानते हैं कि गब्बर का डायलॉग कोई बुरी बात है या फिर इसके पीछे कोई साइंस भी है।

वूडू डेथ  क्या होती है, कैसे होती है, लक्षण और इलाज

लोकप्रिय महिला लेखक कविता जैन, सोलापुर ने इस विषय में काफी अच्छा अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि, सन 1956 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में डॉ. कर्ट रिक्टर ने अचानक होने वाली मृत्यु पर अध्ययन किया था। इस तरह की मृत्यु को "वूडू डेथ" नाम दिया गया। इससे पहले सन 1942 में वाल्टर केनन द्वारा वूडू डेथ की अवधारणा का पता लगा लिया था। 

जो डर गया समझो मर गया

ब्राजील की एक महिला ने एक बार जंगली मुर्गे को भोजन के रूप में खा लिया, उन्होंने लिखा । यह एक मुर्गी थी जिसे खाने की मनाही थी। वो औरत नहीं जानती थी वो अलग बात! लेकिन जब उसे पता चला, तो उसे अचानक घबराहट हुई - उसका दिल दौड़ गया और अगले 24 घंटों के भीतर उसकी मृत्यु हो गई। 

न्यूजीलैंड में स्थित एक महिला ने एक फल खाया और बाद में पता चला कि फल एक "वर्जित" जगह से लाया गया था और अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई। ऐसे 2 और उदाहरण रिक्टर ने "वूडू डेथ" के रूप में दिए हैं। संक्षेप में - " वूडू डेथ का अर्थ है कि मृत्यु का किसी विशिष्ट कारण से कोई लेना-देना नहीं है।"

कुल मिलाकर तमाम प्रयोगों से एक बात स्पष्ट हुई कि, जब कोई व्यक्ति डर जाता है तो वह जीवित रहने के लिए संघर्ष नहीं करता। ऐसी स्थिति में घबराहट के कारण उसके शरीर में कोई भी परिवर्तन हो सकता है और वह परिवर्तन उसकी मृत्यु का कारण भी हो सकता है। इसीलिए कहा गया है कि विषम परिस्थितियों में भी डरना नहीं चाहिए। जो डर गया समझो मर गया। @copyright

✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!