मध्यप्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति-2022 की खास बातें पढ़िए MPTI Policy-2022

Bhopal Samachar
भोपाल
। Technology and Innovation Policy-2022 लागू करने वाला देश का 5वां राज्य मध्यप्रदेश बन गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति-2022 का लोकार्पण किया है। 

Objective of Technology and Innovation Policy-2022, 

MPTIP-2022 का उद्देश्य प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार (Research and innovation in science and technology) को बढ़ावा देकर उद्यम एवं नवोन्मेष करने वाले पारिस्थितिकी-तंत्र (Enterprise and Innovation Ecosystem) को विकसित करना है। यह नीति नागरिकों, उद्यमों और सरकार को एक समृद्ध मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए सहयोगी नवाचार करने में सक्षम बनाना है। साथ ही आत्म-निर्भर भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होना है।

नीति की प्राथमिकताएँ-विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार पारिस्थितिकी-तंत्र की रचना, अनुसंधान और विकास, क्षमता बढ़ाना एवं कौशल विकास, सुशासन में उपयोग, पारिस्थितिकी तंत्र के लिए डाटा उपलब्ध कराना एवं उत्कृष्ट संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित करना है।

पारिस्थितिकी-तंत्र की रचना के लिए शिक्षा के प्रारंभिक चरण से विज्ञान एवं गणित विषय को विद्यार्थियों में लोकप्रिय कर माध्यमिक एवं स्नातक स्तर पर STEM विषयों का प्रसार बढ़ाने हेतु रोमांचक प्रतियोगिता का आयोजन, जिला स्तरीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, नवाचार प्रतियोगिता और चलित विज्ञान प्रर्दशनियों से विद्यार्थियों एवं जन-साधारण को प्रेरित करना है।

विज्ञान को लोकप्रिय करने की दिशा में विद्यार्थियों, युवाओं और जन-सामान्य को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जिज्ञासु बना कर विज्ञान सीखने की लालसा पैदा करना है। सरकार नीति के तहत छात्र विज्ञान मंच स्थापित कर वीडियो, गाईड एवं किट के जरिये विज्ञान के प्रयोग, मल्टीमीडिया सामग्री से वैज्ञानिक अवधारणा को समझाने, विज्ञान मेले, प्रर्दशनी एवं संगोष्ठी के बारे में जानकारी देने आदि कार्य करेगी।

विद्यार्थियों के साथ पर्यटकों एवं आमजन में विज्ञान के बारे में अभिरूचि जगाने के लिए विज्ञान आधारित शैक्षणिक और मनोरंजक विज्ञान केन्द्र बनाने के लिए विज्ञान पार्क बनाए जायेंगे, जिनमें विज्ञान अवधारणाओं को बताने वाली दीघाएँ, आविष्कार गैलरी, तारामंडल आदि पारम्परिक एवं आधुनिक भारतीय वैज्ञानिक प्रदर्शनी और अत्याधुनिक थियेटर शामिल होंगे।

नीति के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास जरूरी है। इसमें जैव प्रौद्योगिकी, कृषि, नवकरणीय ऊर्जा, फिनटेक, जल-संरक्षण, जलवायु परिवर्तन आदि क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है। इस पर होने वाले खर्च को वहन करने के लिए निजी उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है। जरूरी होने पर शासन द्वारा भी यह खर्च वहन किया जाएगा।

नीति में पारम्परिक ज्ञान, विरासत एवं नवाचार के लिए अनुसंधान एवं विकास पर बल दिया गया है। राज्य स्तरीय पारम्परिक ज्ञान संग्रह विकसित किया जाएगा, जो पारम्परिक ज्ञान, जनजातीय औषधियों एवं प्रथाओं का दस्तावेजीकरण, सत्यापन और प्रचार करेगा। नीति में जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या से निपटने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी समाधानों के उपयोग करने की सिफारिश है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों एवं अक्षय और सोलर ऊर्जा के उपयोग पर बल दिया जाएगा।

नीति में सुशासन में भी विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में बदलाव की सिफारिश की गई है। अभी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, 5G मोबाईल प्रौद्योगिकी, इंटरनेट ऑफ थीग्स, ब्लाकचेन, ड्रोन, रोबोटिक्स आदि का उपयोग शासकीय और सामाजिक कार्यों में तेजी से बढ़ा है। नीति में इनके अनुप्रयोग की सिफारिश है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार संबंधी यह नीति विभिन्न विभागों के आपसी सामंजस्य एवं सकारात्मक पहल से प्रदेश के चौतरफा सामाजिक-आर्थिक विकास में फलदायी सिद्ध होगीI

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