एक वर्ष पुराने ट्रांसफर आदेश पर शिक्षक को कार्यमुक्त करना, विधि विरुद्ध: हाई कोर्ट - MP karmchari news

जबलपुर
। श्री संजय तिवारी, सहायक शिक्षक, शासकीय माध्यमिक शाला, पाठक वार्ड बीना जिला सागर के कार्यरत हैं। पिछले वर्ष दिनाँक 05/08/21 को उप सचिव, स्कूल शिक्षा द्वारा, उनका ट्रांसफर शासकीय माध्यमिक शाला, छापरी जिला सागर, प्रशासनिक आधार पर किया गया था। उनके द्वारा ट्रांसफर आदेश दिनाँक 05/08/21 को उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष विभिन्न आधारों पर चुनौती दी गई थी। 

उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा विभाग को निर्देश जारी कर श्री तिवारी द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण 30 दिन के अंदर करने के आदेश जारी किए गए थे। निराकार की अवधि में ट्रांसफर को स्टे किया गया था। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार, 30 दिवस के भीतर ट्रांसफर केस का निराकरण न कर , लगभग एक वर्ष बाद, उप सचिव स्कूल शिक्षा द्वारा, दिनाँक 7/06/22 को श्री तिवारी के अभ्यावेदन को निरस्त कर दिया गया था। उक्तानुसार, डी ई ओ , सागर द्वारा छापरी के लिए दिनाँक 27/07/22 को, कार्यमुक्त कर दिया गया था। 

श्री संजय तिवारी,  उप सचिव , स्कूल शिक्षा के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण ली गई थी।  उनकी ओर से वकील अमित चतुर्वेदी, उच्च न्यायालय जबलपुर ने कोर्ट को बताया कि उप सचिव द्वारा जारी आदेश बोलता हुआ नही है । अभ्यावेदन निरस्तीकरण के पीछे किसी कारण का उल्लेख नही है। दूसरा, एक वर्ष बाद, मूल ट्रांसफर आदेश की वैधता समाप्त हो गई है। अतः उप सचिव द्वारा जारी आदेश 07/06/22 एवम ट्रांसफर आदेश दिनाँक 05,/08/21 अपनी वैधता खो चुके हैं। 

सुनवाई के पश्चात, उच्च न्यायालय जबलपुर ने ट्रांसफर आदेश दिनाँक 05/08/21, उप सचिव , स्कूल शिक्षा,  द्वारा जारी आदेश दिनाँक 7/06/22,  एवं कार्यमुक्ति आदेश दिनाँक 27/07/22 , को निरस्त कर दिया है। 
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