BHOPAL NEWS- बंसल कॉलेज के स्टूडेंट का एक्सीडेंट, मौत, सीधी से पढ़ने आया था

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बंसल कॉलेज के एक स्टूडेंट की शुक्रवार-शनिवार की रात 3:00 बजे रोड एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई। अपने दो मित्रों के साथ MANIT BHOPAL जा रहा था। उसने इसी साल बीटेक में एडमिशन लिया था। स्टूडेंट का नाम कान्हा चौहान बताया गया है। सीधी जिले का रहने वाला था एवं उसके पिता किसान हैं। कॉलेज आने जाने के लिए पिता ने हाल ही में बाइक दिलाई थी।

भोपाल के टीटी नगर इलाके में माता मंदिर के पास तेज रफ्तार बाइक रोटरी से टकरा गई। हादसे में बाइक चालक बीटेक स्टूडेंट समेत तीन लोग घायल हो गए। तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बीटेक स्टूडेंट की मौत हो गई। हादसा शनिवार अलसुबह रात करीब 3 बजे हुआ। तीनों चाय पीने के लिए अयोध्या नगर से निकले थे। रास्ते में किसी दोस्त ने फोन कर उन्हें मैनिट बुलाया।

रात 2:30 बजे चाय पीने के लिए निकले थे 3 स्टूडेंट्स

पुलिस के मुताबिक मूलत: खिरखौरी गांव सीधी का रहने वाला कान्हा चौहान (उम्र 20 वर्ष) पिता अशोक सिंह, बंसल कॉलेज में फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था। वह अयोध्या नगर इलाके में किराए से रह रहा था। शुक्रवार रात करीब ढाई बजे वह रेसिंग बाइक से साथ में रहने वाले मयंक दुबे, विश्वनाथ सिंह को लेकर चाय पीने निकला। रास्ते में चाय की दुकान खुली नहीं मिली। इस कारण वह शहर में घूमते रहे। इसी बीच, देर रात मयंक के दोस्त ने शुभम ने उसे फोन कर मैनिट बुलाया। इसके बाद तीनों दोस्त मैनिट निकल गए।

स्पीड अधिक होने के कारण एक्सीडेंट हो गया

बाइक कान्हा चला रहा था। बीच में मयंक और सबसे पीछे विश्वनाथ बैठा था। विश्वनाथ ने बताया कि माता-मंदिर के पास कान्हा बाइक को यू-टर्न लेने के लिए ब्रेक लगाए। रफ्तार में होने की वजह से गाड़ी टर्न नहीं हो सकी। गाड़ी रोटरी से टकरा गई। तीनों लोग गाड़ी समेत गिर गए। कान्हा के सिर में गंभीर चोट लगने से खून बहने लगा। मयंक को भी चोट लगी। राहगीरों की मदद से दोनों को नर्मदा अस्पताल लेकर आए। अस्पताल में इलाज के दौरान कान्हा की मौत हो गई। शनिवार को कान्हा के शव को पीएम के बाद परिवारवालों को सौंप दिया।

इंदौर से भोपाल आया था, पिता ने कॉलेज जाने के लिए बाइक दिलाई थी

कान्हा के पिता अशोक सिंह गांव में खेती-किसानी करते हैं। अशोक सिंह के पिता लोक निर्माण विभाग में बाबू रहे हैं। अशोक सिंह ने बताया कि बेटा इससे पहले इंदौर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इसी साल बसंल कॉलेज में एडमिशन लिया था। कॉलेज आने-जाने के लिए बाइक खरीदी थी। शनिवार तड़के घटना की उन्हें जानकारी लगी।

MANIT BHOPAL से किसी का फोन आया था

विश्वनाथ सिंह ने बताया कि वह दो दिन पहले ही नौकरी करने सीधी से भोपाल आया है। भोपाल में उसे निजी कंपनी में जॉब मिला है। विश्वनाथ का कहना कि वह कान्हा को नहीं जानता था। मयंक की वजह से उसकी शुक्रवार को ही मुलाकात हुई। मयंक के कहने पर तीनों लोग रात में चाय पीने निकले। हमें रास्ता नहीं पता कि कान्हा किस रास्ते से माता मंदिर ले गया। वह पीछे बैठा था। रास्ते में मयंक भैया के पास किसी दोस्त का फोन आ गया। उससे मिलने के लिए मैनिट जा रहे थे।
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